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ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पानी के लिए मचेगा हाहाकार, 10 लाख निवासियों के लिए पैदा होगा जल का संकट

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पानी के लिए मचेगा हाहाकार, 10 लाख निवासियों के लिए पैदा होगा जल का संकट

अमर सैनी

नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले लाखों लोगों के सामने जल्द ही पानी का संकट खड़ा होने वाला है। इसकी सबसे बड़ी वजह बोरवेल है। दरअसल, बोरवेल ग्रेटर नोएडा वेस्ट के भूजल को तेजी से खत्म कर रहे हैं। इस बीच प्राधिकरण का कोई न कोई बोरवेल सूख भी रहा है। प्राधिकरण बाद में बोरवेल को री-बोर करके गहरा किया गया है। बताया जा रहा है कि अगर भूजल दोहन नहीं रोका गया तो आने वाले दिनों में ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पानी के लिए हाहाकार मचना तय है।

ग्रेनो वेस्ट की 100 से ज्यादा सोसायटियों में दो लाख से ज्यादा लोग रह रहे हैं। जनसंख्या में लगातार वृद्धि के कारण पानी की मांग भी बढ़ती जा रही है। प्राधिकरण भूजल की आपूर्ति कर रहा है। इसके लिए ग्रेनो वेस्ट में 100 से ज्यादा बोरवेल खोदे गए हैं। अब भी नए बोरवेल लगाने का काम जारी है। भूजल के लगातार दोहन का आलम यह है कि पहले इलाके में 90 और 100 फीट पर पानी मिल जाता था, लेकिन अब 160 फीट से 180 फीट पर पानी मिलता है। बोरवेल बंद होने से कुछ सोसायटियों में पानी की सप्लाई बंद हो जाती है। पिछले दो साल से यह समस्या बढ़ती जा रही है। लोगों का कहना है कि ग्रेनो वेस्ट में कुल 5 लाख फ्लैट बनेंगे, जिनमें 10 लाख से ज्यादा लोग रहेंगे। अगर ऐसा ही चलता रहा तो ग्रेनो वेस्ट में जल संकट पैदा हो जाएगा। प्राधिकरण पेड़ों की सिंचाई के लिए भूजल का भी उपयोग कर रहा है। इसके लिए ग्रेनो वेस्ट में 60 मीटर रोड की ग्रीन बेल्ट में बोरवेल भी बनाए गए हैं। जबकि ग्रीन बेल्ट और पेड़ों को एसटीपी के पानी से सींचने का नियम है, लेकिन प्राधिकरण ऐसा नहीं कर रहा है।
दो दिन में तीन बोरवेल की री-बोरिंग
पिछले दिनों ऐस सिटी सोसायटी में पानी की कमी हो गई थी। जांच में पता चला कि जिस बोरवेल से सोसायटी में पानी सप्लाई होता था। इसका पानी सूख गया है. पहले बोरवेल 110 फीट पर था। अब 130 फीट पर डाला गया है। इसी तरह पाम ओलंपिया सोसायटी के पास भी दो बोरवेल की गहराई बढ़ानी पड़ी।

बोरवेल पर नहीं है रोक
ग्रेनो प्राधिकरण भूगर्भ जल विभाग के जल विज्ञानी अंकिता राय का कहना है कि पेयजल आपूर्ति के लिए बोरवेल पर कोई रोक नहीं है, लेकिन जलस्तर गिरने से प्राधिकरण के बोरवेल सूख रहे हैं। इस संबंध में प्राधिकरण से लगातार बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

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