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ग्रेटर नोएडा में किसानों ने कलक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन, पुलिस से हुई नोक झोंक

ग्रेटर नोएडा में किसानों ने कलक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन, पुलिस से हुई नोक झोंक

अमर सैनी

नोएडा।ग्रेटर नोएडा में जिला कलेक्ट्रेट पर कई किसान संगठन के कार्यकर्ताओं ने मिलकर जोरदार प्रदर्शन किया। हजारों की तादाद में किसान इकट्ठा होकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्ट्रेट पर ही धरने पर बैठ गए।किसानों ने कहा कि 3 महीने बीतने के बाद भी हाई पावर कमेटी ने सरकार को किसानों की रिपोर्ट नहीं भेजी है। इस मांग को लेकर किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच नोंकझोक भी हुई।

दरसअल बुधवार को किसान सभा और किसान परिषद सहित अन्य कई किसान संगठनों ने सूरजपुर स्थित कलेक्ट्रेट पर जमकर हल्ला बोला। हजारों की तादाद में किसान मोजरबेयर चौक से पैदल मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां पर पहले से ही भारी पुलिस फोर्स तैनात थी। किसान जैसे ही कलेक्ट्रेट पहुंचे और डीएम कार्यलय तक जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की।धरना स्थल पर जाने की बात कही, लेकिन कुछ किसानों और पुलिस के बीच नोंकझोक हो गई। कुछ ही देर में किसानों ने पुलिस के लगाए घेरे को तोड़ दिया। इस दौरान दोनों के बीच जमकर नोंकझोक भी हुई। किसान घेरे को तोड़कर डीएम कार्यालय के बाहर तक पहुंच गए, जहां पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। किसान वहीं पर धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। इस दौरान किसान सभा के रूपेश वर्मा ने बताया कि 21 फरवरी 2024 को अधिग्रहण से प्रभावित किसानों की समस्याओं पर विचार कर सिफारिशें देने के लिए मुख्यमंत्री ने हाई पावर कमेटी का गठन किया था। तीन सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष राजस्व परिषद के अध्यक्ष रजनीश दुबे हैं। मंडल आयुक्त एवं जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर कमेटी के सदस्य हैं।

21 मई को पूरे हुए तीन महीने
कमेटी को तीनों प्राधिकरण के अंतर्गत अधिग्रहण एवं सीधी खरीद से प्रभावित किसानों के 10% आबादी प्लाट दिए जाने, नए कानून को लागू किए जाने एवं अधिग्रहित आबादियों को छोड़े जाने के संबंध में 3 महीने के अंदर अपनी सिफारिशें सरकार को देनी थीं, लेकिन 3 महीने 21 मई को पूरे हो चुके हैं, कमेटी ने अभी तक किसानों के पक्ष में सरकार को अपनी सिफारिशें नहीं सौंपी हैं।

प्रतिनिधिमंडल ने की बैठक
पिछले साल किसान सभा के एक साल के आंदोलन के परिणाम में प्राधिकरण ने उक्त तीनों समस्याओं सहित अन्य 21 समस्याओं को हल करने का लिखित आश्वासन दिया था। इस क्रम में यह हाई पावर कमेटी बनी। इतना ही नहीं नए कानून को लागू करने एवं 10% प्लाट देने का प्रस्ताव पास कर शासन के अनुमोदन के लिए भी प्राधिकरण में भेजा था, लेकिन अभी तक भी कोई परिणाम धरातल पर निकलकर नहीं आया है, जिस कारण दिन प्रतिदिन किसानों का आक्रोश बढ़ता गया। इसी मांग को लेकर किसानों ने आज जमकर हल्ला बोला। काफी मशक्कत के बाद किसानों को धरने से उठाया गया। इसके बाद किसानों के प्रतिनिधि मंडल की बैठक अधिकारियों के साथ हुई।

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