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Greater Noida: बिरौंडी चक्रसैनपुर के किसानों को आबादी भूखंड देने की प्रक्रिया शुरू, नए साल में होगा आवंटन

Greater Noida: बिरौंडी चक्रसैनपुर के किसानों को आबादी भूखंड देने की प्रक्रिया शुरू, नए साल में होगा आवंटन

ग्रेटर नोएडा में जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को राहत देने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। बिरौंडी चक्रसैनपुर गांव के किसानों को आबादी भूखंड देने की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से शुरू कर दी गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ से सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद नियोजन विभाग ने इस संबंध में सूचना जारी करते हुए आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए हैं। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद पात्र किसानों को भूखंड आवंटित किए जाएंगे, जिससे सौ से अधिक किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, बिरौंडी चक्रसैनपुर गांव के जिन किसानों की पात्रता तय की जा चुकी है, उन्हें नए साल में ही आबादी भूखंड आवंटित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए उपयुक्त स्थान पहले ही चिन्हित कर लिया गया है। भूखंडों का आवंटन पूरी तरह पारदर्शी प्रक्रिया के तहत ड्रॉ के माध्यम से किया जाएगा, ताकि किसी प्रकार का विवाद न हो और सभी पात्र किसानों को समान अवसर मिल सके।

केवल बिरौंडी चक्रसैनपुर ही नहीं, बल्कि ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के अन्य गांवों में भी आबादी भूखंड देने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। कासना, डाढ़ा, सिरसा, इटेड़ा, बिसरख, पतवाड़ी, पाली और रिठौरी जैसे गांवों के किसानों को भी 6 प्रतिशत और 10 प्रतिशत आबादी भूखंड देने की कार्यवाही इस समय प्रगति पर है। इन गांवों में बड़ी संख्या में किसान जमीन अधिग्रहण से प्रभावित हुए थे और लंबे समय से आबादी भूखंड का इंतजार कर रहे थे।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी ने बताया कि जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को आबादी भूखंड आवंटित करना प्राधिकरण की प्राथमिकता है। उनका कहना है कि प्रयास किया जा रहा है कि सभी पात्र किसानों को अगले कुछ महीनों के भीतर भूखंड आवंटित कर दिए जाएं। शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार किसानों से जुड़ी अन्य लंबित समस्याओं का भी समाधान किया जा रहा है। इसके साथ ही गांवों के समग्र विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि अधिग्रहण से प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं बेहतर हो सकें।

प्राधिकरण ने अब तक 60 गांवों के लगभग 4100 किसानों की पात्रता आबादी भूखंड के लिए तय कर ली है। इन सभी किसानों की सूची प्रकाशित की जा चुकी है। अधिकारियों को उम्मीद है कि नए वर्ष में इन सभी पात्र किसानों को चरणबद्ध तरीके से भूखंड आवंटित कर दिए जाएंगे। इसके लिए अलग-अलग सेक्टरों में जमीन की पहचान और व्यवस्था की जा रही है। वहीं, जिन किसानों की पात्रता पहले ही तय हो चुकी थी, उन्हें लगातार भूखंड दिए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों की पात्रता तय करने का काम पिछले करीब चार वर्षों से ठप पड़ा हुआ था। शासन के हस्तक्षेप और स्पष्ट दिशा-निर्देशों के बाद अब इस प्रक्रिया में तेजी आई है। इससे हजारों किसानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है और लंबे समय से चला आ रहा उनका इंतजार अब खत्म होता नजर आ रहा है।

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