Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में गंगाजल की नियमित जांच और आपूर्ति सुनिश्चित, नई पाइपलाइन पर काम जारी

Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में गंगाजल की नियमित जांच और आपूर्ति सुनिश्चित, नई पाइपलाइन पर काम जारी
नोएडा। ग्रेटर नोएडा में आपूर्ति किए जा रहे गंगाजल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अब हर माह इसके नमूनों की जांच की जाएगी। प्राधिकरण अलग-अलग इलाकों से पेयजल के नमूने लेकर प्रयोगशाला में परीक्षण कराएगा। इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए संबंधित उच्चाधिकारियों से अनुमति लेकर एजेंसी का चयन किया जाएगा। गंगाजल परियोजना के पहले चरण में ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के 58 सेक्टरों में गंगाजल की आपूर्ति शामिल है।
इस परियोजना का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवंबर 2022 में किया था। जल विभाग की जानकारी के मुताबिक, फिलहाल 54 सेक्टरों में भूजल के साथ गंगाजल मिलाकर पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। अगले कुछ महीनों में सभी सेक्टरों में शुद्ध गंगाजल की आपूर्ति करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए भूमिगत जलाशयों (UGR), पाइपलाइन और अन्य नेटवर्क को दुरुस्त किया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-2, 3, टेक्जोन-4 और ग्रेटर नोएडा ईस्ट के ईटा-2 में चार नए UGR का निर्माण चल रहा है। अधिकारी ने बताया कि हर माह गंगाजल की जांच कराई जाएगी, ताकि नागरिकों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल मिले।
प्राधिकरण की योजना के अनुसार भविष्य में सभी सेक्टरों में शत-प्रतिशत गंगाजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। हालांकि, भूजल नेटवर्क को दुरुस्त रखा जाएगा, ताकि गंगाजल आपूर्ति में किसी भी तरह की बाधा आने पर भूजल से आपूर्ति जारी रखी जा सके। इससे नागरिकों को पानी की आपूर्ति में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
गंगाजल परियोजना के इंटेक प्वाइंट गाजियाबाद के देहरा गांव के पास मुख्य पाइपलाइन के कुछ हिस्से फट जाने के कारण ग्रेटर नोएडा में गंगाजल की आपूर्ति पिछले लगभग एक माह से बंद है। पाइपलाइन की मरम्मत के लिए किसानों से बातचीत कर कार्य किया जा रहा है और उम्मीद है कि अगले 2-3 दिनों में आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। इस बीच, भूजल की पर्याप्त उपलब्धता के कारण आपूर्ति में कोई बड़ी समस्या नहीं आई है।
प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पाइपलाइन में लीकेज का मुख्य कारण यह है कि पुरानी पाइपलाइन आज की बढ़ी हुई पानी की मांग और दबाव को सहन नहीं कर पा रही है। हर दिन कहीं न कहीं पाइपलाइन फटने या लीकेज की समस्या आती है, जिसे दूर करने में 3-4 दिन का समय लग जाता है। इस बीच किसी अन्य हिस्से में नई समस्या उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में कुछ हिस्सों में नई पाइपलाइन बिछाने का प्रयोग किया जा रहा है। पिछले 3-4 वर्षों में शहर की तेजी से बढ़ती आबादी और बढ़ती पेयजल मांग को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है।
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