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Greater Noida Crime: दिल्ली ब्लास्ट से कनेक्शन में यूपी ATS ने ग्रेटर नोएडा में की छापेमारी, विदेशी फंडिंग के 11 करोड़ रुपये के सबूत मिले

Greater Noida Crime: दिल्ली ब्लास्ट से कनेक्शन में यूपी ATS ने ग्रेटर नोएडा में की छापेमारी, विदेशी फंडिंग के 11 करोड़ रुपये के सबूत मिले

नोएडा। ग्रेटर नोएडा में यूपी एटीएस की टीम ने टेरर फंडिंग और विदेशी फंडिंग के संदिग्ध मामले में बड़ी कार्रवाई की। बुधवार देर रात टीम ने ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक सेक्टर साइट-5 स्थित कंपनी ‘इस्तांबुल इंटरनेशनल’ में छापेमारी की। दो घंटे तक चली तलाशी के दौरान एटीएस ने कंपनी से जुड़े कई अहम दस्तावेज खंगाले और प्रिंटिंग प्रेस समेत कई विभागों को सील कर दिया। मौके पर मौजूद कर्मचारियों को कंपनी में ही रुकने के निर्देश दिए गए, जबकि जीएसटी विभाग और स्थानीय प्रशासन से विस्तृत जानकारी मांगी गई।

जांच में पता चला कि कंपनी के माध्यम से विदेशों से करीब 11 करोड़ रुपये मंगाए गए थे। यह राशि आरओ मशीन और आयुर्वेदिक दवाओं के व्यापार के नाम पर भेजी गई थी, लेकिन एटीएस को शक है कि इसका असली इस्तेमाल भड़काऊ सामग्री और अवैध प्रकाशनों के लिए किया गया। कंपनी में संचालित प्रिंटिंग प्रेस में भड़काऊ धार्मिक साहित्य की किताबें छापे जाने के प्रमाण भी मिले हैं।

इससे पहले यूपी एटीएस ने 7 नवंबर को दिल्ली निवासी फरहान नबी सिद्दी को ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया था। फरहान पर टेरर फंडिंग और बांग्लादेशी घुसपैठियों को पनाह देने का आरोप है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली बम धमाकों से जुड़े कुछ लिंक भी इसी नेटवर्क के जरिए संचालित किए जा रहे थे।

एटीएस की जांच में यह भी सामने आया कि कंपनी में तैनात अधिकांश कर्मचारी एक ही समुदाय विशेष से संबंधित हैं। आशंका जताई जा रही है कि यह कदम कंपनी की गतिविधियों को बाहरी लोगों से गुप्त रखने के लिए उठाया गया था। जांच टीम ने सभी कर्मचारियों से पूछताछ की और कई के मोबाइल डेटा जब्त किए हैं।

एटीएस ने कंपनी परिसर को सुरक्षा घेरे में लेकर सभी सिस्टम और हार्ड डिस्क जब्त कर लिए हैं। इस कार्रवाई में एटीएस के साथ जीएसटी विभाग, पुलिस और खुफिया एजेंसियों की टीमें भी शामिल थीं। आगामी दिनों में कंपनी के बैंक खाते और फॉरेन ट्रांजैक्शन की गहराई से जांच की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि एटीएस को कुछ ऐसे डिजिटल सबूत मिले हैं, जिनसे अंतरराष्ट्रीय फंडिंग नेटवर्क का खुलासा हो सकता है।

इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि यूपी एटीएस और संबंधित एजेंसियां टेरर फंडिंग और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क पर पैनी निगरानी रख रही हैं। जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और खुलासे होने की संभावना है।

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