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Delhi Crime: दिल्ली एनसीआर में अवैध हथियार सप्लाई करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, तीन तस्कर गिरफ्तार

Delhi Crime: दिल्ली एनसीआर में अवैध हथियार सप्लाई करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, तीन तस्कर गिरफ्तार

रिपोर्ट: रवि डालमिया

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली एनसीआर में अवैध हथियारों की सप्लाई करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए तीन हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से दो पिस्टल, दो अतिरिक्त मैगजीन, और 14 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। क्राइम ब्रांच के डिप्टी कमिश्नर भीष्म सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान न्यू सीलमपुर निवासी 23 वर्षीय आदिल, 22 वर्षीय मोहम्मद शादिल, और चौहान बगर निवासी 22 वर्षीय असद अमीन के रूप में हुई है।

कैसे पकड़े गए आरोपी

क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि आदिल उर्फ राजा अवैध हथियारों की सप्लाई में सक्रिय है और वह शास्त्री पार्क स्थित मक्का मस्जिद के पास हथियारों की डिलीवरी देने वाला है। इस सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच की एक टीम गठित की गई। टीम ने शास्त्री पार्क इलाके में छापा मारकर आदिल को गिरफ्तार किया और उसके पास से एक पिस्टल और एक जिंदा कारतूस बरामद हुआ। आदिल के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर पूछताछ शुरू की गई।

शादिल की गिरफ्तारी और मामले का विस्तार

पूछताछ में आदिल ने बताया कि उसका भाई मोहम्मद शादिल भी इस अवैध गतिविधि में शामिल है। उसने बताया कि शादिल ने ही उसे हथियार उपलब्ध कराए थे। इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने सीलमपुर इलाके में छापा मारकर शादिल को गिरफ्तार किया। शादिल के पास से एक पिस्टल, एक अतिरिक्त मैगजीन और 6 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। शादिल एक पेशेवर अपराधी है, जिसके खिलाफ हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट, और स्नैचिंग के तीन मामले पहले से दर्ज हैं।

असद अमीन की संलिप्तता और रिमांड

पूछताछ के दौरान शादिल ने खुलासा किया कि उसने चौहान बगर निवासी असद अमीन से अवैध हथियार खरीदा था। असद इस समय उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की जेल में किसी अन्य मामले में बंद है। पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए असद को रिमांड पर लिया और उससे पूछताछ की। असद की निशानदेही पर क्राइम ब्रांच ने 7 जिंदा कारतूस और एक अतिरिक्त मैगजीन भी बरामद की।

क्राइम ब्रांच की बड़ी कार्रवाई

दिल्ली पुलिस के अनुसार, इस गिरोह का भंडाफोड़ कर अवैध हथियारों की सप्लाई पर अंकुश लगाने में सफलता मिली है। पुलिस अब यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि यह गिरोह कितने समय से सक्रिय था और इसके अन्य सहयोगी कौन-कौन हैं।

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