FSSAI Tea Warning: केवल कैमेलिया साइनेंसिस से बनी ही असली चाय: एफएसएसएआई ने जारी की चेतावनी

FSSAI Tea Warning: केवल कैमेलिया साइनेंसिस से बनी ही असली चाय: एफएसएसएआई ने जारी की चेतावनी
नई दिल्ली। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने स्पष्ट किया है कि केवल कैमेलिया साइनेंसिस पौधे से प्राप्त उत्पादों को ही “चाय” का नाम दिया जा सकता है। हर्बल, पौधों पर आधारित या फ्लावर इन्फ्यूजन जैसे उत्पादों को चाय कहकर बेचना गैरकानूनी है और इसके लिए फूड बिजनेस ऑपरेटरों (FBOs) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एफएसएसएआई के मुताबिक, हाल ही में यह पाया गया कि कई फूड बिजनेस ऑपरेटर रूइबोस टी, हर्बल टी और फ्लावर टी जैसे उत्पादों को “चाय” के नाम से बेच रहे हैं, जबकि ये कैमेलिया साइनेंसिस पौधे से नहीं बनते। नियमानुसार केवल कांगड़ा चाय, ग्रीन टी और इंस्टेंट टी जैसी कैमेलिया साइनेंसिस आधारित चाय को ही असली चाय माना जाता है।
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स (लेबलिंग एंड डिस्प्ले) रेगुलेशन, 2020 के अनुसार, हर पैकेज पर उत्पाद का सही नाम लिखा होना चाहिए जो पैकेज में मौजूद चीज की वास्तविक प्रकृति को दर्शाए। कैमेलिया साइनेंसिस से न बनने वाले किसी भी उत्पाद के लिए “चाय” शब्द का उपयोग गुमराह करने वाला माना जाएगा और यह फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट, 2006 के तहत अवैध ब्रांडिंग में शामिल होगा।
एफएसएसएआई ने सभी फूड बिजनेस ऑपरेटरों, जिनमें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं, को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे केवल कैमेलिया साइनेंसिस आधारित उत्पादों को ही “चाय” के रूप में बेचें और अन्य हर्बल या पौधों पर आधारित मिश्रणों के लिए इस शब्द का प्रयोग न करें। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।





