Zeeshan Siddiqui का NCP-अजित पवार गुट में शामिल होना: महाराष्ट्र चुनाव में नई हलचल
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा के साथ ही राज्य में राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। हर पार्टी अपने उम्मीदवारों को अंतिम रूप देने में जुटी है और कुछ उम्मीदवार अपनी पार्टियों से नाराज होकर दूसरी पार्टियों का रुख कर रहे हैं। इसी सिलसिले में बाबा सिद्दीकी के बेटे और बांद्रा पूर्व से मौजूदा विधायक Zeeshan Siddiqui ने शुक्रवार, 25 अक्टूबर को कांग्रेस छोड़कर एनसीपी (अजित पवार गुट) का दामन थाम लिया। इसके बाद एनसीपी ने उन्हें बांद्रा पूर्व सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया, जहां से वे 2019 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे।
Zeeshan Siddiqui: “धोखा और उदासीनता के चलते कांग्रेस से नाता तोड़ा”
Zeeshan Siddiqui के एनसीपी (अजित पवार गुट) में शामिल होने के फैसले ने कांग्रेस के खेमे में खलबली मचा दी है। दरअसल, कांग्रेस ने इस बार बांद्रा पूर्व सीट शिवसेना (UBT) को दे दी, जिसके चलते जीशान का नाम पार्टी की पहली सूची में शामिल नहीं था। कांग्रेस की इस रणनीति से नाराज होकर जीशान ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया। एनसीपी में शामिल होने के बाद जीशान ने कहा, “महा विकास अघाड़ी और कांग्रेस ने धोखे से मुझे किनारे कर दिया। मेरे निर्वाचन क्षेत्र में शिवसेना (UBT) को टिकट देने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण था। ऐसे कठिन समय में अजित पवार और उनकी पार्टी ने मुझ पर भरोसा जताया है। यह मेरे पिता का सपना था कि हम बांद्रा पूर्व सीट को दोबारा जीतें। उनके सपने को पूरा करना अब मेरा कर्तव्य है।”
Zeeshan Siddiqui ने कांग्रेस और शिवसेना (UBT) पर आरोप लगाया कि दोनों पार्टियों की “फितरत में धोखा है।” उन्होंने यह भी कहा कि एनसीपी (अजित पवार गुट) में शामिल होना उनके लिए एक भावनात्मक निर्णय था और उन्हें विश्वास है कि बांद्रा पूर्व के लोग उनका समर्थन करेंगे।
एनसीपी-अजित पवार गुट ने जारी की दूसरी उम्मीदवार सूची
एनसीपी के अजित पवार गुट ने Zeeshan Siddiqui के अलावा 2024 विधानसभा चुनावों के लिए 7 अन्य उम्मीदवारों के नाम भी घोषित किए हैं। तासगांव से संजय काका पाटिल, इस्लामपुर से निशिकांत भोसले, वडगांव शेरी से सुनील टिंगरे, शिरूर से ज्ञानेश्वर कटके, लोहा से प्रताप पाटिल और अणुशक्ति नगर से नवाब मलिक की बेटी सना मलिक को उम्मीदवार बनाया गया है। अजित पवार गुट का यह कदम महाराष्ट्र के कई निर्वाचन क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में उठाया गया माना जा रहा है।
भाजपा नेताओं ने भी किया NCP-अजित पवार गुट का दामन थामा
Zeeshan Siddiqui के अलावा भाजपा के दो नेता, निशिकांत भोसले पाटिल और पूर्व भाजपा सांसद संजय काका पाटिल ने भी एनसीपी (अजित पवार गुट) का साथ चुना है। संजय काका पाटिल को तासगांव और निशिकांत भोसले को इस्लामपुर से टिकट दिया गया है। भाजपा नेताओं का इस तरह एनसीपी में शामिल होना महाराष्ट्र में चुनावी समीकरणों को नया मोड़ दे सकता है। इन नेताओं को एनसीपी द्वारा एबी फॉर्म भी प्रदान किए गए हैं, जो उनके अधिकृत उम्मीदवार होने का प्रमाण है।
पवार परिवार में आंतरिक खींचतान का नया अध्याय
इस चुनाव में पवार परिवार के आंतरिक मतभेद भी उभरकर सामने आए हैं। शरद पवार के एनसीपी गुट ने पहली सूची में 45 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की, जिसमें उन्होंने बारामती से अजित पवार के भतीजे युगेंद्र पवार को मैदान में उतारा। पवार परिवार में इससे पहले भी खींचतान देखने को मिली थी, जब लोकसभा चुनावों में भाभी सुनेत्रा पवार का सामना ननद सुप्रिया सुले से हुआ था। अब विधानसभा चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस राजनीतिक दंगल में पवार परिवार के विभिन्न गुटों की स्थिति क्या रहती है।
चुनाव की तारीखें और संभावनाएं
महाराष्ट्र विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 26 नवंबर 2024 को समाप्त हो रहा है। चुनाव आयोग ने राज्य में 20 नवंबर को एक चरण में चुनाव कराने की घोषणा की है और 23 नवंबर को मतगणना होगी। इस चुनाव में एनसीपी (अजित पवार गुट), भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) का महायुति गठबंधन सत्ताधारी है। एंटी इनकम्बेंसी और छह पार्टियों के बीच बंटने वाले वोटों को साधना इस गठबंधन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
बांद्रा पूर्व सीट का संघर्ष
बांद्रा पूर्व सीट, जहां से जीशान इस बार एनसीपी के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं, एक महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है। यहां उनकी लोकप्रियता और पिछली जीत के आधार पर एनसीपी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है। हालांकि, कांग्रेस के शिवसेना (UBT) के उम्मीदवार को समर्थन देने के फैसले के कारण इस क्षेत्र में मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले Zeeshan Siddiqui के एनसीपी में शामिल होने और पवार परिवार की आंतरिक खींचतान से यह साफ है कि राज्य में चुनावी मुकाबला बेहद पेचीदा और दिलचस्प होगा। कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी की रणनीतियों के कारण कई उम्मीदवार अपनी राजनीतिक भूमिकाओं को बदलने पर विवश हुए हैं। ऐसे में जीशान का एनसीपी में शामिल होना और बांद्रा पूर्व से उनके चुनावी अभियान का आरंभ यह दर्शाता है कि महाराष्ट्र चुनावों में मतदाताओं के समक्ष कई नए समीकरण और दावे होंगे।
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