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एल्विश यादव प्रकरण में नया खुलासा, पुलिस ने खुद बनाए थे झूठे सबूत

एल्विश यादव प्रकरण में नया खुलासा, पुलिस ने खुद बनाए थे झूठे सबूत

अमर सैनी

नोएडा। एल्विश यादव प्रकरण में नोएडा पुलिस ने काफी मेहनत की थी। पुलिस ने सबूत जुटाकर एल्विश यादव और उसके तमाम सहयोगियों को जेल भेजा था। अब इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है। एक मीडिया संस्थान ने एल्विश यादव प्रकरण में आरोपी बनाए गए सभी लोगों से बात की है। इस दौरान सभी ने चौंका देने वाला खुलासा किया है। जिसके बाद नोएडा पुलिस सवालों में घिर गई है। दरअसल, एल्विश मामले में पुलिस ने एक सपेरे राहुल नाथ की पहली गिरफ्तारी की थी। इस मामले को लेकर राहुल का कहना है कि पुलिस ने झूठे सबूत तैयार कर उन्हें फंसाया है।
दिल्ली के मोहड़बंद गांव के रहने वाले राहुल बताते हैं कि पुलिस ने मुझे 24 घंटे की रिमांड पर लिया था। 16 नवंबर की रात करीब 12 बजे पुलिसवालों ने मुझे जगाया। उनके साथ वन विभाग के लोग भी थे। नहर का रास्ता मुझे जंगल की ओर ले गया। वे उसे रास्ते में रोकते और सांप पकड़ने को कहते। मैंने कहा कि मुझे सांप पकड़ना नहीं आता। कुछ देर बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने वहां दो सांप मिले। सांपों को बोरे में डाला और मुझसे कहा कि इसे पकड़ो, मुझे वीडियो बनाना है।’फिर मेरी तस्वीरें लीं और वीडियो बनाए। अगले दिन मुझे अदालत में पेश किया गया। पुलिस ने कहा कि ये सांप मैंने पाल रखे थे। मैं दो सप्ताह तक जेल में था। आप खुद सोचिए कि अगर मैंने सांपों को पाल रखा होता तो वे इतने लंबे समय तक जिंदा कैसे रहते। जब कोर्ट में ये सवाल पूछा गया तो जज भी हंसने लगे। यही वजह है कि इस मामले में सबसे पहले मुझे जमानत मिली।

शादी और पार्टियों में बीन और ड्रम बजाता हूं
एक मीडिया संस्थान ने राहुल से पूरे मामले पर बात की। राहुल ने बताया, ‘मैं शादियों या पार्टियों में बीन और ड्रम बजाता हूं। मुझे बुकिंग के लिए कॉल आया। कहा कि नोएडा में बच्चे की जन्मदिन की पार्टी है। पहले मैंने ढोल बुक किया, फिर फोन आया कि मुझे ढोल के साथ बीन पार्टी चाहिए। फोन करने वाले ने कहा कि तुम यादव भाई के लिए ऐसा करते रहो। मैंने पूछा कौन सा यादव? उन्होंने कहा- वही एल्विश यादव भाईद।’मुझे नहीं पता था कि एल्विश यादव कौन हैं, लेकिन उनके नाम पर मुझे काम मिल रहा था, इसलिए मैंने झूठ बोल दिया और कहा कि हां, आपको मेरा नंबर उन्हीं से मिला है।’

एल्विश का नाम लिया तो नहीं होगी सजा
‘मुझसे गलती यह हुई कि मैं सिर्फ पैसे कमाने के लिए उससे सहमत हो गया। 2 नवंबर 2023 को मैं पार्टी स्थल पर गया था। उनके साथ 7 साल का बेटा, 17 साल का दिव्यांग भाई, पिता, चाचा और 70 साल के बुजुर्ग समेत कुल 8 लोग गए थे। हमारे पास केवल बीन और ड्रम थे, कोई सांप नहीं। हम सांप पालते ही नहीं। हमें वहीं पकड़ लिया. कहा कि अगर तुमने एल्विश यादव का नाम लिया तो तुम्हें सजा नहीं होगी।

एक भी सबूत दिखा दें मामले की जिम्मेदारी ले लूंगा
‘एफआईआर में लिखा है कि मेरा नंबर एल्विश यादव ने पीएफए के लोगों को दिया था। अगर ऐसा है तो उसकी कॉल रिकॉर्डिंग और सबूत दिखाएं। अगर आप एक भी सबूत दिखा दें तो मैं मामले की जिम्मेदारी ले लूंगा। एल्विश यादव के बारे में क्या, अगर मैं उनके किसी दोस्त को जानता हूं या उनसे मिला हूं, तो भी मैं जिम्मेदारी लूंगा।

जबरन पकड़ाई बोतल
‘जिस बोतल में जहर बताया जा रहा है, वह पीएफए के लोगों ने मेरे बैग में डाल दी थी। जब मुझसे जबरन बोतल हाथ में पकड़ कर फोटो खींचने को कहा गया तो मैंने दो उंगलियों से ढक्कन पकड़कर बोतल उठा ली। अगर मैंने इसमें जहर डाला होता तो मेरी उंगलियों के निशान ढक्कन के साथ बोतल पर भी मिल जाते। अगर फोरेंसिक जांच से यह साबित हो जाए कि ढक्कन के अलावा बोतल पर भी मेरे निशान हैं तो मैं कोई भी सजा स्वीकार कर लूंगा।’

एक गांव के यह सही है, बाकी पुलिस की थ्यौरी गलत
ईश्वर और एल्विश का दोस्त विनय एक ही गांव के हैं, इसलिए लोकेशन एक साथ थी।
पुलिस ने ईश्वर यादव और विनय को एल्विश और सपेरों के बीच की कड़ी बताया है। मीडिया संस्थान ने भी ईश्वर से बात की। हालांकि, ईश्वर इस बात से साफ इनकार करते हैं और कहते हैं, ‘मैं और विनय यादव एक ही गांव फाजिलपुर के रहने वाले हैं। बस यही एक चीज़ है जिसे पुलिस सही बताती है, बाकी सब गलत है। ‘मेरा टेंट का काम है। विनय कई बार हमसे टेंट का सामान ले चुका है। इसके लिए वह फोन करता था। हम दोनों रिश्तेदार भी हैं। इसलिए किसी कार्यक्रम में मिलते हैं। पुलिसवाले इसी वक्त हमें हमारी लोकेशन बताने लगे।

न एल्विश को जानता और न ही राहुल
ईश्वर यादव ने कहा- एल्विश से कभी मुलाकात नहीं हुई, एक बार टीवी पर देखा था
मीडिया संस्थान से बात करते हुए ईश्वर यादव कहते हैं, ‘मेरे पास कोई बैंक्वेट हॉल नहीं है। मैं टेंट का काम करता हूं। एल्विश से कभी मुलाकात नहीं हुई, न ही मेरे पास एल्विश का नंबर है। एक बार उन्हें टीवी पर देखा था। मैं राहुल को जानता तक नहीं।

ड्रमर के नाम से कई नंबर हैं सेव
‘यह सच है कि मेरे फोन में ड्रमर के नाम से कई नंबर सेव हैं। उसका भी नंबर आ गया होगा, किसी शादी में ढोल बजाने आया होगा। लोग काम मांगने के लिए मुझे अपना नंबर देते हैं और मेरा कार्ड भी ले लेते हैं। अगर बातचीत हुई भी तो मुझे नहीं पता कि वो राहुल थे या और कोई।

सपेरों और एल्विश सहित सभी को मिली जमानत
इस मामले में नोएडा पुलिस ने 2 नवंबर 2023 को राहुल समेत 5 सपेरों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने 32 साल के राहुल को मुख्य आरोपी बनाया है। 3 हफ्ते के अंदर सभी सपेरों को जमानत मिल गई. पुलिस ने 17 मार्च 2024 को एल्विश को भी गिरफ्तार कर लिया। 22 मार्च को उसे जमानत भी मिल गई। यह कार्रवाई बीजेपी नेता मेनका गांधी की संस्था पीपल फॉर एनिमल्स यानी पीएफए की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर पर की गई है। एफआईआर में लिखा गया था कि एल्विश दिल्ली-एनसीआर के एक फार्म हाउस में जिंदा सांपों के साथ वीडियो शूट करता है।

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