नई दिल्ली, 15 अक्तूबर : पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए दिल्ली के डॉक्टरों ने मंगलवार को 12 घंटे का उपवास किया।
दरअसल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में युवा डॉक्टर की हत्या और रेप से उद्वेलित जूनियर डॉक्टर पिछले 67 दिनों से कोलकाता में धरना -प्रदर्शन और 11 दिन से आमरण अनशन कर रहे हैं। इनमें से पांच डॉक्टरों का स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण अस्पताल के आईसीयू में भेज दिया गया है। पश्चिम बंगाल सरकार उनकी 10 मांगों को पूरा करने में उदासीनता बरत रही है।
इस संबंध में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने मंगलवार को आईएमए मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। वहीं, आईएमए जूनियर डॉक्टर नेटवर्क ने आईएमए मेडिकल स्टूडेंट्स नेटवर्क के साथ पूरे देश के अस्पतालों में सांकेतिक भूख हड़ताल का आयोजन किया। इस दौरान आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ विनय अग्रवाल ने कहा, बुनियादी मुद्दा अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा का है। आरजी कर मामले के बाद भी अस्पतालों के माहौल में बहुत कम बदलाव हुए हैं।
उन्होंने कहा, देशभर के मेडिकल कॉलेजों से जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों के अनशन और विरोध की खबरें आ रही हैं। हम पश्चिम बंगाल सरकार से अनशन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों की मांगों को स्वीकार करने की अपील करते हैं। मेडिकल बिरादरी खासकर युवा रेजिडेंट डॉक्टरों और देश के मेडिकल छात्रों की आवाज सुनी जानी चाहिए। जल्द ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें कोलकाता मामले को लेकर अगला कदम उठाया जाएगा।