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Delhi Police Good Work: दिल्ली पुलिस ने 37 दिन बाद मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला को परिवार से मिलवाया

Delhi Police Good Work: दिल्ली पुलिस ने 37 दिन बाद मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला को परिवार से मिलवाया

रिपोर्ट: रवि डालमिया

दिल्ली की सीमापुरी थाना पुलिस ने 37 दिनों की लगातार मेहनत के बाद एक मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला को उसके परिवार से मिलवाकर मानवता की मिसाल पेश की। यह दिल छू लेने वाला मिलन 7 अक्टूबर 2025 को आईएचबीएएस अस्पताल में हुआ, जहां महिला का 4 सितंबर से इलाज चल रहा था। घटना की शुरुआत 1 सितंबर को हुई, जब पुलिस को सूचना मिली कि एक गर्भवती महिला सड़क पर मिली। महिला की पहचान मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के रानीखेड़ा गांव निवासी के रूप में हुई।

पुलिस ने तुरंत उसे जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया और बाद में अदालत के निर्देश पर आईएचबीएएस में इलाज के लिए भेजा। इस दौरान हेड कांस्टेबल अंकुश और कांस्टेबल राज को महिला के परिवार की तलाश में टीकमगढ़ भेजा गया, लेकिन शुरुआती प्रयास सफल नहीं हुए। पुलिस ने उसकी जानकारी प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित कराई ताकि कोई परिजन संपर्क कर सके। 7 सितंबर को महिला ने समय से पहले बच्ची को जन्म दिया, लेकिन दुर्भाग्यवश नवजात की इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बावजूद पुलिस ने खोज अभियान जारी रखा। बाद में जानकारी मिली कि महिला को मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने पहचाना। इसके बाद टीम ने वहां पोस्टर चिपकाए और गांवों में पूछताछ की, जिससे परिवार का पता चल सका।

आखिरकार, सीमापुरी पुलिस की मेहनत रंग लाई और महिला को उसके परिवार से मिलवाया गया। अदालत ने सीमापुरी एसएचओ सतविंदर राणा, जांच अधिकारी एसआई अनुपम और हेड कांस्टेबल अंकुश के संवेदनशील और सराहनीय प्रयासों की प्रशंसा की और डीसीपी को उन्हें पुरस्कृत करने के निर्देश दिए। डीसीपी शाहदरा प्रशांत गौतम ने इस मानवीय कार्य के लिए पूरी पुलिस टीम की सराहना करते हुए कहा कि यह मामला दिल्ली पुलिस की “जन सेवा, करुणा और संवेदनशीलता” का उत्कृष्ट उदाहरण है।

 

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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