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नोएडा में पानी की बर्बादी करने पर फाइन के साथ होगी जेल

नोएडा में पानी की बर्बादी करने पर फाइन के साथ होगी जेल

अमर सैनी

नोएडा। नोएडा में भूजल स्तर को संभालने के लिए प्राधिकरण सख्त रुख अपनाने जा रहा है। लगातार गिरते जलस्तर को देखते हुए अब प्राधिकरण ने पानी की बर्बादी पर लगाम कसने का निर्णय लिया है। वाहन धोने, सड़क साफ करने और पौधों की सिंचाई में पाइप का इस्तेमाल करने वालों पर कार्रवाई होगी। नोएडा प्राधिकरण की तरफ से जनता को पानी की बर्बादी न करने की चेतावनी दी गई है।

नोएडा प्रधिकरण के उपमहाप्रबंधक आरपी सिंह ने बताया कि लोगों को सार्वजनिक नोटिस जारी कर जल संरक्षण के लिए आगाह किया गया है। वाहनों को धोने, सड़क साफ करने और पौधों की सिंचाई में पाइप का इस्तेमाल करने वालों पर अब कड़ी नजर रखी जाएगी। ऐसा करने वालों पर अर्थदंड के साथ-साथ पर्यावरण कानून के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। पेयजल की बर्बादी पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना और पांच साल की जेल हो सकती है।

क्या है नियम

अक्टूबर 2020 से पहले पानी की बर्बादी पर कोई प्रावधान नहीं था। राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने 24 जुलाई 2019 को पानी की बरबादी पर रोक लगाने की मांग पर सुनवाई की थी। करीब एक साल बाद 15 अक्टूबर 2020 को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के तहत केंद्रीय भूजल प्राधिकरण ने आदेश जारी किया।
इस आदेश के अनुसार, पेयजल के दुरुपयोग पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना और 5 साल की जेल हो सकती है। केंद्रीय भूजल बोर्ड ने 8 अक्टूबर 2020 को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत सभी प्राधिकरणों, स्थानीय निकायों और नागरिकों को निर्देशित किया कि वे भूजल से मिलने वाले पेयजल की बरबादी और बेवजह इस्तेमाल नहीं करेंगे। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। अब प्राधिकरण इस नियम का पालन करवाने जा रहा है।

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