Advocates Amendment Bill 2025: एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 के विरोध में दिल्ली के वकीलों की हड़ताल जारी
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Advocates Amendment Bill 2025: एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 के विरोध में दिल्ली के वकीलों की हड़ताल जारी
रिपोर्ट: रवि डालमिया
एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 के खिलाफ दिल्ली की सभी जिला अदालतों में वकीलों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। सोमवार से दिल्ली की सभी जिला अदालतों में कामकाज ठप है। इसी कड़ी में पूर्वी दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में आज सुबह 10 बजे बड़ी संख्या में वकील एकत्र हुए और बिल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विरोध के दौरान वकीलों ने एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 का पुतला जलाया और इसे वकीलों की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया।
वकीलों का कहना है कि एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 में कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं जो उनके अधिकारों को सीमित करने वाले हैं। खासतौर पर धारा 35A में बदलाव किया जा रहा है, जिसमें वकीलों की हड़ताल और काम बंद करने के अधिकार पर पूरी तरह से रोक लगाई जा रही है। यदि कोई वकील हड़ताल पर जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। वकीलों का कहना है कि यह बदलाव पूरी तरह से अनुचित है क्योंकि किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में विरोध और हड़ताल करने का अधिकार सभी को है। अगर वकील हड़ताल नहीं कर सकते, तो वे अपने अधिकारों की रक्षा कैसे करेंगे?
वकीलों ने इस बिल में मौजूद एक और प्रावधान पर कड़ी आपत्ति जताई है। नए संशोधन के तहत केंद्र सरकार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया को निर्देश देने का अधिकार मिल जाएगा और इसे मानना अनिवार्य होगा। वकीलों का कहना है कि इससे बार काउंसिल की स्वतंत्रता समाप्त हो जाएगी और वकील सरकार के अधीन होकर काम करने को मजबूर हो जाएंगे। वकीलों ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया और कहा कि “वकील किसी सरकार के कर्मचारी नहीं हैं। यह एक स्वतंत्र पेशा है। आजादी से पहले भी वकील स्वतंत्र थे और आजादी के बाद भी हैं। सरकार जबरन हमें अपने नियंत्रण में नहीं कर सकती।”
एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 में एक और विवादित प्रावधान जोड़ा गया है, जिसमें क्लाइंट (मुवक्किल) को यह अधिकार दिया गया है कि यदि उसे वकील के खिलाफ कोई शिकायत होती है, तो वह उस पर केस दर्ज कर सकता है। वकीलों का कहना है कि इस नियम के लागू होने के बाद वे अपने ही मुकदमों में उलझकर रह जाएंगे और स्वतंत्र रूप से अपने पेशे का पालन नहीं कर पाएंगे।
वकीलों का कहना है कि इस संशोधन की कोई आवश्यकता नहीं थी और यह सरकार की वकीलों को दबाने की साजिश है। अगर सरकार इस पर अड़ी रही, तो वकील लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि “सरकार वकीलों को कमजोर करने और तोड़ने की कोशिश कर रही है। हम इसके खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेंगे और जब तक यह संशोधन वापस नहीं लिया जाता, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।”
दिल्ली की जिला अदालतों में वकीलों की हड़ताल के चलते अदालतों का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है। वकील कोर्ट में पेश नहीं हो रहे हैं, जिससे सैकड़ों मामलों की सुनवाई टल रही है और वादियों (litigants) को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वकीलों का कहना है कि वे आम जनता की परेशानी समझते हैं, लेकिन यह लड़ाई सिर्फ उनके हितों के लिए ही नहीं, बल्कि न्याय व्यवस्था की स्वतंत्रता के लिए भी है।
अब तक सरकार की ओर से इस विरोध पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन चर्चा है कि सरकार वकीलों के इस आंदोलन को लेकर स्थिति पर नजर बनाए हुए है। वकीलों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 को पूरी तरह से वापस नहीं लिया जाता, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। आने वाले दिनों में वकील और बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं।
एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 को लेकर देशभर में वकीलों का विरोध बढ़ता जा रहा है। दिल्ली की सभी जिला अदालतों में हड़ताल के चलते न्यायिक कार्य ठप पड़ा है। वकीलों का कहना है कि वे किसी भी कीमत पर अपनी स्वतंत्रता से समझौता नहीं करेंगे और इस बिल को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बनाते रहेंगे। अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है और वकीलों की इस लड़ाई का क्या नतीजा निकलता है।
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