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Delhi Fake Visa: दिल्ली के तिलक नगर में नकली वीजा और मानव तस्कर गैंग का भंडाफोड़, 6 आरोपी गिरफ्तार

Delhi Fake Visa: दिल्ली के तिलक नगर में नकली वीजा और मानव तस्कर गैंग का भंडाफोड़, 6 आरोपी गिरफ्तार

रिपोर्ट: हेमंत कुमार

आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने तिलक नगर में नकली वीजा बनाने वाली एक फैक्टरी का खुलासा किया है। नकली वीजा के जरिये यात्री को विदेश भेजने के एक मामले में एक यात्री और पांच एजेंटों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस आरोपी तक पहुंची है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान तिलक नगर निवासी मनोज मोंगा के रूप में हुई है। वह डेस्कटॉप पब्लिशिंग में डिप्लोमा कर चुका है। उसको कोरल ड्रा, फोटोशॉप और ग्राफिक डिजाइनिंग में महारत हासिल है। वह अपने घर पर ही फैक्टरी चला रहा था।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि 2 सितंबर को गांव दीवाना रोहतक निवासी संदीप रोम इटली जाने के लिए दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचा। उसके पास पासपोर्ट था। इमिग्रेशन विभाग के अधिकारियों ने उसके यात्रा दस्तावेजों की जांच की जिसमें उनलोगों ने संदीप के पासपोर्ट पर नकली स्वीडिश वीजा चिपका हुआ पाया। फर्जीवाड़ा कर विदेश यात्रा की कोशिश करने वाले यात्री को आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज कर संदीप को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में उसने बताया कि वह पैसे कमाने के लिए विदेश जाना चाहता था। उसने अपने गांव के मनजोत के जरिये एजेंट आशिफ अली से मुलाकात की थी। एजेंट ने उसे 10 लाख रुपये लेकर यूरोपीय देश भेजने का आश्वासन दिया। उसने एजेंट के बताए दो बैंक खातों में सात लाख और 50 हजार रुपये अग्रिम राशि दी। एजेंट ने अपने सहयोगी नवीन राणा और शिव गौतम की मदद से रोम की यात्रा के लिए टिकट और स्वीडिश वीजा का इंतजाम किया। पुलिस ने यात्री के निशानदेही पर एजेंट आशिफ अली, नवीन राणा और शिव गौतम को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में शिव गौतम ने 65 साल के लकवाग्रस्त एजेंट बलबीर सिंह के शामिल होने की बात कही। पुलिस ने बलबीर को गिरफ्तार किया। जिसने बताया कि नकली वीजा का इंतजाम जसविंदर सिंह ने किया था। पुलिस ने इसके बाद एजेंट जसविंदर सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया। उसने पूछताछ में बताया कि नकली वीजा को मनोज मोंगा ने तैयार किया था। जो कई देशों के नकली स्टिकर वीजा के डिजाइन बनाने का विशेषज्ञ है। वह तिलक नगर के अशोक नगर में स्थित अपने घर में फैक्टरी चलाता है। निरीक्षक अजय यादव के नेतृत्व में पुलिस टीम ने आरोपी के घर की निगरानी बढ़ाई और 13 सितंबर को छापा मारकर मनोज मोंगा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इसकी फैक्टरी से नकली वीजा बनाने में वाले उपकरण और काफी मात्रा में कच्चा माल बरामद कर लिया।

आरोपी के कब्जे से बरामद सामान

पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी के कब्जे से नकली वीजा बनाने में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल बरामद किया गया है। जिसमें वाटर मार्क प्रिंट वाली शीट, लेमिनेशन शीट, गमिंग शीट और मुद्रित लिफाफों के बंडल शामिल हैं। इसके अलावा आरोपी के पास से लैपटॉप, रंगीन प्रिंटर, स्कैनर, यूवी मशीन, एम्बॉसिंग मशीन, हार्डड्राइव और अन्य उपकरण बरामद किए हैं। साथ ही पुलिस ने विभिन्न देशों के नकली स्टाम्प और धातु डाई मार्क विभिन्न देशों के लिए अलग-अलग नामों से जारी किए गए 30 नकली वीजा स्टिकर, 16 नेपाली और भारतीय पासपोर्ट भी जब्त किए है।

जल्द पैसे कमाने के लालच में गलत जगह इस्तेमाल किया हुनर

पूछताछ में आरोपी मनोज मोंगा ने बताया कि उसने डेस्कटॉप पब्लिशिंग में डिप्लोमा किया है और उसे कोरल ड्रा, फोटोशॉप और ग्राफिक डिजाइनिंग के काम में महारत हासिल है। पिछले 20 साल से वह फ्लेक्स प्रिंटिंग व्यवसाय से जुड़ा हुआ है। पांच साल पहले वह जयदीप सिंह नाम के व्यक्ति के संपर्क में आया। जिसने उसे अपने हुनर को नकली वीजा बनाने में इस्तेमाल करने के लिए राजी कर लिया। ताकि वह जल्द से जल्द पैसा कमा सके। जयदीप सिंह ने मनोज मोंगा को एम्बॉसिंग डाई, रबर स्टैम्प, वीजा स्टिकर, ऑफिस स्टेशनरी और कई तरह के ऑफिस इलेक्ट्रॉनिक्स समेत जरूरी उपकरण मुहैया कराए और उसने मनोज मोंगा के घर में नकली वीजा बनाने की एक अवैध फैक्टरी खोली। उसने बताया कि पहले जयदीप सिंह ने नकली वीजा बनाने का ऑर्डर दिया। वह विदेश जाने वाले लोगों के बारे में जानकारी देता था, जिनके लिए जाली वीजा बनाना होता था। उसके बाद कई एजेंटों की ओर से नकली वीजा बनाने के आर्डर मिलने लगे। आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि आरोपी एक नकली वीजा का लाखों रुपये लेता था। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर जयदीप की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।

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