Critical Minerals India: जेट इंजन से लेकर मिसाइल तक अहम खनिजों पर निर्भर भारत, भू-राजनीतिक दबावों से आयात बना रणनीतिक चुनौती

Critical Minerals India: जेट इंजन से लेकर मिसाइल तक अहम खनिजों पर निर्भर भारत, भू-राजनीतिक दबावों से आयात बना रणनीतिक चुनौती
नई दिल्ली, 23 दिसंबर। जेट इंजन, मिसाइल, सटीक मारक क्षमता वाले हथियारों से लेकर रडार, उपग्रह, बैटरी और सेमीकंडक्टर तक आधुनिक रक्षा प्रणालियां पूरी तरह महत्वपूर्ण खनिजों पर निर्भर हैं। ऐसे में इन खनिजों के आयात पर अत्यधिक निर्भरता उस समय एक गंभीर रणनीतिक कमजोरी बन जाती है, जब वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं भू-राजनीतिक दबावों में फंस जाती हैं। इसी कारण आज महत्वपूर्ण खनिज राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा क्षमता विकास और तकनीकी संप्रभुता के लिए एक अहम राजनीतिक और रणनीतिक कारक के रूप में उभर रहे हैं।
यह बात इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के अध्यक्ष एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। वह सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज और बौद्धिक संपदा बाजार के सहयोग से आयोजित ‘महत्वपूर्ण खनिज: भू-राजनीति, संप्रभुता और मूल्य श्रृंखला’ विषय पर अपने विचार रख रहे थे। कार्यक्रम में वरिष्ठ नीति निर्माता, रक्षा विशेषज्ञ, उद्योग जगत के प्रतिनिधि, प्रौद्योगिकी नवप्रवर्तक, शिक्षाविद और बौद्धिक संपदा क्षेत्र से जुड़े पेशेवर मौजूद रहे।
एयर मार्शल दीक्षित ने कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में महत्वपूर्ण खनिजों तक सुरक्षित, विश्वसनीय और सतत पहुंच सुनिश्चित करना किसी भी देश की सामरिक मजबूती के लिए आवश्यक हो गया है। उन्होंने बताया कि रक्षा और उच्च तकनीक से जुड़े क्षेत्रों में इस्तेमाल होने वाली अधिकांश आधुनिक प्रणालियां ऐसे खनिजों पर निर्भर हैं, जिनका उत्पादन सीमित देशों तक सिमटा हुआ है। इससे आपूर्ति में बाधा आने की स्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा असर पड़ सकता है।
इस अवसर पर एयर मार्शल दीक्षित ने महत्वपूर्ण खनिजों पर आधारित 30 तकनीकी रिपोर्टों के एक संग्रह का भी विमोचन किया। इन रिपोर्टों में गहन बौद्धिक संपदा परिदृश्य अध्ययन, बाजार विश्लेषण और रणनीतिक मूल्यांकन को शामिल किया गया है, जो नीति निर्माण और उद्योग दोनों के लिए उपयोगी साबित होंगे।
उन्होंने राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन की स्थापना और खनिजों के निष्कर्षण से लेकर उनके प्रसंस्करण, विनिर्माण और रीसाइक्लिंग तक संपूर्ण मूल्य श्रृंखला विकसित करने के लिए किए जा रहे सरकारी प्रयासों की सराहना की। एयर मार्शल दीक्षित ने कहा कि ये पहलें भारत की नीतिगत मंशाओं को ठोस परिणामों में बदलने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण हैं और इससे देश आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से आगे बढ़ सकेगा।





