
छाजली (संगरूर), 15 अप्रैल
पंजाब में 50 बम आने के दावे का खुलासा करने से भागने के लिए विपक्षी दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा पर दोबारा निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि बाजवा अपने संकीर्ण स्वार्थों के लिए किसी अप्रिय घटना के होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं ताकि लोगों में दहशत फैलाई जा सके।
आज यहां ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ को समर्पित करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर बाजवा के पास बमों के बारे में किसी भी तरह की जानकारी है, तो वे इसे सार्वजनिक करने से क्यों हिचक रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि बाजवा इन बमों के फटने की प्रतीक्षा में बैठे हैं क्योंकि वे पंजाब की शांति और कानून व्यवस्था की आड़ में राजनीतिक रोटियां सेंकने की ताक में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाजवा ने पंजाब के शांतिप्रिय लोगों में बिना किसी आधार के दहशत फैलाई है और जब सरकार ने बाजवा के इस भ्रामक बयान के खिलाफ मामला दर्ज किया, तो अब वे कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए वकीलों की भीड़ जुटा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी दल के नेता को ऐसी ओछी राजनीति से बचना चाहिए क्योंकि आम लोगों में दहशत पैदा करके वोट हासिल करने का भ्रम नहीं पालना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को ऐसी बेतुकी बयानबाजी करने के बजाय मुद्दों पर आधारित राजनीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की खुशहाली और राज्य की भलाई के लिए वे समर्पित होकर काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ राजनीतिक नेताओं को यह हजम नहीं हो रहा, जिसके कारण वे बार-बार मेरे खिलाफ जहर उगल रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसे घटिया हथकंडे उन्हें लोगों की सेवा करने से नहीं रोक सकते और वे राज्य के विकास के लिए इस नेक कार्य में समर्पित भावना के साथ जुटे रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, “पारंपरिक पार्टियां मुझसे ईर्ष्या करती हैं क्योंकि मेरा संबंध साधारण परिवार से है। ये नेता सत्ता में बने रहने को अपना मूलभूत अधिकार समझते थे, जिसके कारण इन्हें यह हजम नहीं हो रहा कि एक आम आदमी इतने बेहतर ढंग से राज्य का शासनकाल कैसे चला रहा है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में रहने वाले उनके पहले के राजनीतिक नेताओं ने कभी भी राज्य या यहां के लोगों की कोई चिंता नहीं की। उन्होंने कहा कि इन अहंकारी नेताओं ने हमेशा राज्य के लिए काम करने के बजाय अपने निजी स्वार्थों और परिवारवाद को प्राथमिकता दी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं का यह रवैया पंजाब और इसके लोगों के लिए बहुत घातक सिद्ध हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नेताओं ने अपने सरकारी पदों का दुरुपयोग करके संपत्ति इकट्ठा की और बड़े-बड़े महल बना लिए। उन्होंने कहा कि इन महलों की दीवारें ऊंची हैं और दरवाजे आम तौर पर लोगों के लिए बंद रहते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ये नेता लोगों की पहुंच से दूर रहे, जिसके कारण लोगों ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखाया।
अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सुखबीर बादल राजनीतिक रूप से असफल हो चुके राजनेता हैं जो अपने जघन्य अपराधों की सजा भुगत रहे हैं। राज्य की बागडोर संभालने के बाद ऐसे नेताओं ने कई साल तक लोगों को मूर्ख बनाया, लेकिन अब आम लोगों ने सही मायनों में अपनी ही सरकार को वोट देकर सत्ता में लाया है, जो दिन-रात पंजाब की तरक्की के लिए काम कर रही है।
कांग्रेस की दयनीय स्थिति पर तीखा व्यंग्य करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पार्टी बिखराव की शिकार हो चुकी है, जिसके कारण इसके नेता एक-दूसरे के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पार्टी के नेता पंजाब का भला सोचने के बजाय अपनी कुर्सियां बचाने में लगे रहते हैं।