Bio CNG Plant: अस्तौली में जैविक कचरे से बायो सीएनजी तैयार करने की तैयारी तेज, 300 टीपीडी क्षमता वाला आधुनिक संयंत्र जल्द शुरू

Bio CNG Plant: अस्तौली में जैविक कचरे से बायो सीएनजी तैयार करने की तैयारी तेज, 300 टीपीडी क्षमता वाला आधुनिक संयंत्र जल्द शुरू
नोएडा। शहर को कचरा प्रबंधन और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अस्तौली में जैविक कचरे से बायो सीएनजी गैस तैयार करने के लिए बड़े संयंत्र की स्थापना की प्रक्रिया तेज कर दी है। इस परियोजना के लिए एक दिसंबर को ई-निविदा जारी करने से पहले इच्छुक कंपनियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें परियोजना के तकनीकी पहलू, क्षमता, निर्माण प्रक्रिया और संचालन से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी। अधिकारी के अनुसार संयंत्र की क्षमता 300 टन प्रतिदिन (टीपीडी) निर्धारित की गई है, जिसमें घरेलू और व्यावसायिक गतिविधियों से निकलने वाले जैविक कचरे को प्रोसेस किया जाएगा।
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि यह संयंत्र डीबीओटी (डिज़ाइन, बिल्ड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) मॉडल पर बनाया जाएगा। चयनित कंपनी 25 वर्षों तक संचालन, रखरखाव और उत्पादन की जिम्मेदारी संभालेगी, जबकि इससे होने वाली आय में प्राधिकरण की भी हिस्सेदारी होगी। जैविक कचरे में फलों और सब्जियों के अवशेष, कागज, गत्ता, पत्तियाँ, घास, खाद्य पदार्थों के टुकड़े और लकड़ी जैसी सामग्री का उपयोग किया जाएगा, जिन्हें प्रोसेस कर बायो सीएनजी बनाई जाएगी जो वाहनों और औद्योगिक कार्यों में ईंधन के रूप में उपयोग हो सकेगी।
अस्तौली क्षेत्र में पहले ही कचरा प्रबंधन से जुड़े कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। यहां एनटीपीसी, रिलायंस और आकांक्षा कंपनी द्वारा संयंत्र स्थापित करने की दिशा में कार्य जारी है। अधिकारियों ने बताया कि एनटीपीसी का मिश्रित कचरा प्रबंधन संयंत्र अगले वर्ष मार्च तक चालू हो जाएगा, जिसमें व्यर्थ सामग्री को प्रोसेस कर चारकोल में बदला जाएगा और उसके माध्यम से बिजली उत्पादन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, अस्तौली गांव के पास लगभग 250 एकड़ भूमि में आधुनिक कूड़ा निस्तारण केंद्र (सेनेटरी लैंडफिल साइट) भी विकसित किया जा रहा है, जो भविष्य में कचरा निस्तारण का केंद्रीय केंद्र बनेगा।
दो निजी कंपनियों—रिलायंस और आकांक्षा—को पहले ही जमीन आवंटित की जा चुकी है। रिलायंस को 11.45 एकड़ और आकांक्षा को 4.5 एकड़ जमीन मिली है, और दोनों ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। रिलायंस द्वारा लगाया जा रहा बायो सीएनजी संयंत्र भी 300 टीपीडी क्षमता का होगा और इसके संचालन के लिए कंपनी को 25 वर्ष की लीज प्रदान की गई है। इसके माध्यम से गीले कचरे को प्रोसेस कर बायो सीएनजी गैस तैयार की जाएगी, जिससे वाहनों में उपयोग किए जाने वाले ईंधन की निर्भरता कम होगी और पर्यावरण प्रदूषण में भी कमी आएगी।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने कहा कि यह परियोजना शहर की स्वच्छता व्यवस्था सुधारने और पर्यावरण संरक्षण को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण का प्रयास इस संयंत्र को जितना जल्दी संभव हो सके, उतना जल्द शुरू करने का है, ताकि शहर को स्वच्छ, सुंदर और प्रदूषण मुक्त बनाना संभव हो सके।
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