
नई दिल्ली, 5 अगस्त: भारत का पहला बहुराष्ट्रीय वायु अभ्यास तरंग शक्ति-2024 मंगलवार से सुलूर में शुरू होने जा रहा है। इसमें 10 देश भाग लेंगे और कुछ अन्य देश पर्यवेक्षक के रूप में शिरकत करेंगे। ‘तरंग शक्ति’ का पहला चरण 6 से 14 अगस्त तक तमिलनाडु के सुलूर में तथा दूसरा चरण 29 अगस्त से 14 सितंबर तक राजस्थान के जोधपुर में आयोजित किया जाएगा।
इस दौरान जर्मनी ए-400एम विमान का प्रदर्शन करेगा, जिसे भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के लिए प्रदर्शित किया जाएगा, क्योंकि इसे मध्यम परिवहन विमान की मांग करने वाली वर्तमान खुली निविदा के लिए एक संभावित विकल्प के रूप में माना जा रहा है। हाल ही में, भारतीय वायुसेना ने अलास्का में 4 से 14 जून 2024 तक वायु अभ्यास रेड फ्लैग 2024 के दूसरे संस्करण में भाग लिया था। भारतीय राफेल विमानों ने सिंगापुर और अमेरिका के विमानों के साथ संयुक्त अभ्यास किया था। इन मिशनों में बड़े सैन्य अभियानों के हिस्से के रूप में आक्रामक जवाबी हवाई और वायु रक्षा भूमिकाओं में दृश्य-सीमा से परे युद्ध अभ्यास शामिल थे।
भारतीय वायु सेना के मुताबिक इस अभ्यास में भारत की रक्षा क्षमता को भी दर्शाया गया है और रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’ की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा। फ्रांस से राफेल, जर्मनी से टाइफून, ऑस्ट्रेलिया से एफ-18 और ग्रीस से एफ-16 सहित अन्य विमान ‘तरंग शक्ति’ अभ्यास में भाग लेंगे। यह भारत में आयोजित होने वाला अब तक का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अभ्यास है जिसमें 51 देशों को आमंत्रित किया गया था। तरंग शक्ति में ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, जापान, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित 10 देशों ने भागीदारी करने की पुष्टि की है और 18 देश पर्यवेक्षक के रूप में भाग लेंगे। इसके साथ ही तरंग शक्ति अभ्यास भारतीय सैन्य इतिहास में एक ऐतिहासिक घटना बन जाएगा। इस अभ्यास का उद्देश्य सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना और वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती रक्षा क्षमताओं को उजागर करना है।