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Axis Bank share: एनआईएम रिकवरी टलने से एक्सिस बैंक के शेयरों में भारी गिरावट, एक दिन में 4% टूटे भाव

Axis Bank share: एनआईएम रिकवरी टलने से एक्सिस बैंक के शेयरों में भारी गिरावट, एक दिन में 4% टूटे भाव

निजी क्षेत्र के प्रमुख ऋणदाता एक्सिस बैंक के शेयरों में मंगलवार को जोरदार बिकवाली देखने को मिली। बैंक के प्रबंधन द्वारा नेट इंटरेस्ट मार्जिन यानी एनआईएम की रिकवरी को दो तिमाहियों के लिए टालने के संकेत देने के बाद शेयर इंट्राडे में करीब 4% तक गिर गए। कारोबार के दौरान एक्सिस बैंक का शेयर 1,231 रुपये के निचले स्तर तक फिसल गया, जिससे निवेशकों में चिंता का माहौल बन गया।

प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि अब बैंक का एनआईएम तीसरी तिमाही के बजाय चौथी तिमाही या वित्त वर्ष की पहली तिमाही की शुरुआत में सबसे निचले स्तर पर पहुंच सकता है। पहले यह अनुमान लगाया गया था कि मार्जिन तीसरी तिमाही में ही बॉटम आउट कर जाएगा, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए रिकवरी की समयसीमा को आगे बढ़ा दिया गया है। बैंक प्रबंधन का मानना है कि एनआईएम में सुधार धीरे-धीरे होगा और यह अगले 15 से 18 महीनों में “सी” आकार की रिकवरी के जरिए करीब 3.8% के लक्ष्य स्तर की ओर बढ़ेगा।

ब्रोकरेज फर्म सिटी ने भी इस घटनाक्रम के बाद एक्सिस बैंक के शेयर पर सतर्क रुख अपनाया है। सिटी रिसर्च ने स्टॉक पर अपनी न्यूट्रल रेटिंग बरकरार रखते हुए 1,285 रुपये का लक्ष्य मूल्य तय किया है, जो मौजूदा बाजार भाव के लगभग बराबर है। इसका साफ मतलब है कि ब्रोकरेज को निकट भविष्य में शेयर में किसी बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है। सिटी का कहना है कि मौजूदा कारोबारी मिश्रण और बाजार की स्थिति को देखते हुए फीस-टू-एसेट्स अनुपात में सुधार की गुंजाइश भी सीमित बनी हुई है।

हालांकि, प्रबंधन ने कुछ सकारात्मक संकेतों की भी ओर इशारा किया है। बैंक के मुताबिक क्रेडिट कार्ड पोर्टफोलियो में तनाव अब धीरे-धीरे कम हो रहा है, जबकि पर्सनल लोन सेगमेंट काफी हद तक स्थिर हो चुका है। इसके अलावा निर्यात-उन्मुख एमएसएमई सेक्टर से फिलहाल किसी बड़े तनाव के संकेत नहीं मिल रहे हैं, जो बैंक के लिए राहत की बात मानी जा रही है।

प्रबंधन ने यह भी बताया कि तीसरी तिमाही में कृषि नकद ऋण और ओवरड्राफ्ट सुविधाओं के चलते तकनीकी सकल एनपीए में मौसमी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, लेकिन इसका असर पिछली तनावपूर्ण अवधि की तुलना में काफी कम रहने की उम्मीद है। वहीं, कॉर्पोरेट सेगमेंट में बैंक का प्रदर्शन बेहतर हो रहा है, जिसका कारण वर्किंग कैपिटल का बेहतर उपयोग और रिफाइनेंसिंग से जुड़ी गतिविधियां हैं। खुदरा कारोबार में भी रुकी हुई मांग के कारण सुधार के संकेत मिल रहे हैं, हालांकि आने वाली तिमाहियों में इसकी स्थिरता पर नजर बनाए रखने की जरूरत बताई गई है।

वित्तीय आंकड़ों की बात करें तो दूसरी तिमाही में एक्सिस बैंक का स्टैंडअलोन शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 26% गिरकर 5,090 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछली तिमाही में यह 6,918 करोड़ रुपये था। वहीं, शुद्ध ब्याज आय में सालाना आधार पर मामूली 2% की वृद्धि दर्ज की गई और यह 13,744 करोड़ रुपये रही। बैंक का परिचालन लाभ तिमाही आधार पर 3% घटकर 10,413 करोड़ रुपये पर आ गया।

शेयर बाजार में इस कमजोरी के बावजूद, लंबी अवधि में एक्सिस बैंक के शेयरों ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है। साल 2025 में अब तक यह शेयर करीब 16% चढ़ चुका है। हालांकि एनआईएम रिकवरी में देरी और लाभप्रदता पर दबाव के चलते फिलहाल निवेशकों का रुझान सतर्क बना हुआ है।

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