
अमर सैनी
नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसानों ने शुक्रवार को 22वें दिन पैदल मार्च निकाला। यह मार्च विप्रो गोलचक्कर से होता हुआ वापस प्राधिकरण पर आकर समाप्त हुआ। ओएसडी और डिप्टी कलेक्टर ने समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन दिया, लेकिन किसान संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने धरना जारी रखने का निर्णय लिया।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) अराजनैतिक के नेतृत्व में जमीन अधिग्रहण से प्रभावित डाढ़ा, सिरसा, मायचा, ऐच्छर, साकीपुर, जुनपत आदि गांवों के किसान पुश्तैनी-गैर पुश्तैनी का भेद खत्म करने, 10 फीसदी आबादी भूखंड, 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा, लीजबैक और रोजगार आदि मांगों को लेकर सात जून से प्राधिकरण दफ्तर के सामने अनिश्तिकालीन धरने पर बैठे हैं। प्राधिकरण की तरफ से वार्ता का कोई प्रस्ताव नहीं रखा गया। इससे नाराज क्षेत्र के किसान शुक्रवार को धरनास्थल पर इकट्ठे हुए और पैदल मार्च निकाला। किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली और निजी वाहनों में सवार होकर मार्च में शामिल हुए। इस दौरान प्राधिकरण के दोनों गेटों पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी। पैदल मार्च के बाद धरनास्थल पर हुई महापंचायत में संगठन के जिलाध्यक्ष चौधरी महेंद्र मुखिया ने कहा कि प्राधिकरण के अधिकारी क्षेत्र के किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं। प्राधिकरण के ओएसडी हिमांशु वर्मा और डिप्टी कलेक्टर जितेंद्र गौतम ने आश्वासन दिया कि सभी नीतिगत मांगों को पूरा कराने का आश्वासन दिया। आबादी भूखंड आवंटित करने की बात कही, लेकिन किसान संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद सभी किसानों ने एकजुट होकर ऐलान किया कि मांगें पूरी न होने तक धरना जारी रहेगा। क्षेत्र के 48 गांवों का फैसला कराकर ही जाएंगे।