राज्यपंजाब

अकाली दल को लगा बड़ा झटका! सुखबीर बादल के बेहद करीबी नेता डिंपी ढिल्लो ‘आप’ में शामिल

अकाली दल को लगा बड़ा झटका! सुखबीर बादल के बेहद करीबी नेता डिंपी ढिल्लो ‘आप’ में शामिल

गिद्दड़बाहा से दो बार अकाली दल के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं डिंपी ढिल्लो, 2022 में मात्र 1350 वोटों से पीछे रहें

ये कहना गलत होगा कि डिंपी ढिल्लो ने पार्टी (अकाली दल) छोड़ी, दरअसल पार्टी ने डिंपी को छोड़ा – मान

मनप्रीत बादल की गतिविधियों से अकाली दल में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई, सुखबीर बादल ने स्थिति स्पष्ट नहीं की, फिर मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया – डिंपी ढिल्लो

 

रिपोर्ट :कोमल रमोला
चंडीगढ़/श्री मुक्तसर साहिब, 28 अगस्त

शिरोमणि अकाली दल बादल को बड़ा झटका लगा है। पुराने अकाली नेता और सुखबीर बादल के बेहद करीबी हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लो बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गए। डिंपी के पार्टी में शामिल होने से गिद्दड़बाहा विधानसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ी मजबूती मिलेगी।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने डिंपी ढिल्लो को गिद्दड़बाहा में एक बड़ी जनसभा के दौरान पार्टी में औपचारिक तौर पर शामिल कराया और उनका स्वागत किया। डिंपी ढिल्लो के साथ सैंकड़ों स्थानीय अकाली नेता और कार्यकर्ता भी आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। डिंपी ढिल्लो ने 2017 और 2022 विधानसभा चुनाव में अकाली दल के टिकट पर गिद्दड़बाहा से विधानसभा का चुनाव लड़ा था। 2022 में वह मात्र साढ़े तेरह सौ वोट से कांग्रेस उम्मीदवार राजा वड़िंग से चुनाव हारे थे।

मान ने कहा कि डिंपी ढिल्लो ने अकाली दल नहीं छोड़ा बल्कि पार्टी ने इन्हें छोड़ दिया। जब पार्टी में अच्छे विचार अच्छे लोगों की अहमियत नहीं होती तो मजबूरन लोगों को पार्टी छोड़नी पड़ती है। उन्होंने कहा कि पंजाब के लिए काम करने वाले सभी लोगों का हम पार्टी में स्वागत करते हैं।

मान ने मनप्रीत बादल पर भी बोला और कहा कि वह (भगवंत मान) उनकी पार्टी में पंजाब में बदलाव लाने के उद्देश्य से शामिल हुआ, लेकिन वह एक दिन अचानक अपनी पार्टी खत्म कर कांग्रेस में शामिल हो गए। मुझे उस समय बहुत दुख हुआ था। उन्होंने सिर्फ अपने बारे में सोचा। मैं उनकी पार्टी की तरफ से 2012 में लहरागागा से चुनाव भी लड़ा था और हारने के बावजूद लोगों के साथ खड़ा रहा। फिर लोगों ने मुझे चुना और यहां तक पहुंचाया।

डिंपी ढिल्लो ने पार्टी में शामिल कराने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान का धन्यवाद किया और कहा कि इस क्षेत्र में कुछ दिनों से मनप्रीत बादल की गतिविधियां बढ़ी हुई थी। इससे अकाली दल के स्थानीय कैडर में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी। मैंने सुखबीर बादल से इसके बारे में पूछा लेकिन उन्होंने स्थिति स्पष्ट नहीं की। मैं आज अपनी 38 साल की कमाई मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी को सुपुर्द कर रहा हूं। पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी मैं इमानदारी पूर्वक निभाउंगा और कभी शिकायत का मौका नहीं दूंगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button