नई दिल्ली, 24 नवम्बर : हाई एल्टीट्यूड एरिया, एयरोस्पेस और डीप- सी में जाने के दौरान शारीरिक अनुकूलन और अन्य रोगों से पीड़ित लोगों का इलाज अब एम्स दिल्ली में भी हो सकेगा।
इस संबंध में रविवार को एम्स के जवाहर लाल नेहरू सभागार में एक वैज्ञानिक सीएमई का आयोजन किया गया जिसमें सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाएं (एएफएमएस) महानिदेशालय के विशेषज्ञों ने करीब 150 से ज्यादा यूजी, पीजी, नर्सिंग और पैरामेडिकल छात्रों के साथ अन्य डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया गया। दरअसल ऊंचे पर्वतीय इलाकों, एयरोस्पेस और समुद्री वातावरण में अक्सर लोग शारीरिक अनुकूलन संबंधी समस्याओं के साथ स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों के शिकार बन जाते हैं। सीएमई में ऐसे ही मरीजों के सम्मुख उत्पन्न होने वाली स्वास्थ्य स्थितियों के साथ उनके लक्षणों, उपचारों और दवाओं की विशेषज्ञता पूर्ण जानकारी प्रदान की गई।
इस अवसर पर एम्स के हेमेटोलॉजी विभाग के डॉ मुकुल अग्रवाल ने बताया कि यह सीएमई, बीते जनवरी में संपन्न करार का हिस्सा है जिसके तहत दोनों संस्थानों के मेडिकल व पैरामेडिकल क्षेत्र के यूजी, पीजी छात्र, एसआर और फैकल्टी सदस्य न सिर्फ संयुक्त शोध कर सकेंगे बल्कि एक दूसरे संस्थानों में जनहित के कार्य कर सकेंगे।सीएमई में एएफएमएस की महानिदेशक व सर्जन डॉ आरती सरीन, एम्स के निदेशक डॉ एम श्रीनिवास और डीन (अकादमिक) केके वर्मा के अलावा एंडोक्रनोलॉजी विभाग के प्रो राजेश खड़गावत और कर्नल आरके जोशी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।