नई दिल्ली, 17 अक्तूबर : देश भर में मौजूद आरोग्य मंदिर जल्द ही लोगों का इलाज देसी और विदेशी चिकित्सा पद्धति के संगम से करते नजर आएंगे। इसकी शुरुआत एम्स दिल्ली के बल्लभगढ़ स्थित दयालपुर आरोग्य मंदिर से हो गई है जहां डायबिटीज के मरीजों का इलाज एलोपैथिक दवाओं और योगासनों के जरिये किया जा रहा है।
दरअसल, एम्स निदेशक डॉ एम श्रीनिवास ने बुधवार को दयालपुर पीएचसी (आरोग्य मंदिर) में डायबिटीज के लिए समुदाय आधारित योग कार्यक्रम और आयुष मंत्रालय के केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) के सहयोग से व्यापक ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा परियोजना (सीआरएचएसपी) बल्लभगढ़ में बुजुर्गों के लिए आयुर्वेदिक उपचार कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
इस संबंध में एम्स दिल्ली के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर पुनीत मिश्रा ने बताया कि केंद्र सरकार, पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ मिलाकर मरीजों का इलाज करने की पहल को बढ़ावा दे रही है। इस के तहत एम्स दिल्ली ने एक ऐसा चिकित्सा मॉड्यूल विकसित किया है जो डायबिटीज नियंत्रण के बाबत न सिर्फ शहरी क्षेत्र में बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी प्रभावी साबित होगा।
डॉ मिश्रा के मुताबिक एम्स, दक्षिण दिल्ली के दक्षिणपुरी पुनर्वास कालोनी में डायबिटीज से पीड़ित 400 लोगों पर एक सफल शोध कर चुका है। इस दौरान मरीजों को एलोपैथिक दवाओं के साथ योग के विभिन्न आसनों के जरिये उपचार दिया गया जिसके स्वास्थ्य परिणाम उत्साहजनक रहे और मरीजों की डायबिटीज आसानी से नियंत्रित हो गई। मरीजों ने भी बताया कि वह पहले से अधिक तरोताजा और स्वस्थ महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि देश में डायबिटीज की समस्या को नियंत्रित करने के लिए देसी और विदेशी चिकित्सा पद्धति के संगम से विकसित उपचार मुहैया कराया जाएगा। इसके अलावा आईसीएमआर के सहयोग से बुजुर्गों के शारीरिक गतिविधियों में सुधार और उनके जोड़ों के दर्द को लेकर त्रि वर्षीय अध्ययन भी शुरू किया गया है। इसमें आयुर्वेद पद्धति से 200 वृद्ध लोगों के जीवन की गुणवत्ता पर अध्ययन किया जाएगा। जल्द ही ये दोनों उपचार देशभर के आरोग्य मंदिरों में लागू होंगे।
निदेशक ने किया पौधरोपण
एम्स निदेशक ने प्रोफेसर एम श्रीनिवास ने 5वें आईएपीएसएम वाईएलएन कॉन्क्लेव के तहत वृक्षारोपण अभियान का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने एक पेड़ मां के नाम के तहत सीआरएचएसपी बल्लभगढ़ में पौधरोपण किया। उनके साथ सीसीएम की एचओडी किरण गोस्वामी, डॉ. गौतम शर्मा, डॉ. संजय राय, डॉ हर्षल रमेश साल्वे, डॉ. राकेश कुमार मौजूद रहे।