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अमेरिका से वापस आए नौजवानों पर मनोहर लाल खट्टर के बयान की ‘आप’ ने की निंदा

अमेरिका से वापस आए नौजवानों पर मनोहर लाल खट्टर के बयान की ‘आप’ ने की निंदा

 

खट्टर अपना बयान वापस लें और नौजवानों से माफी मांगे, यह उनकी ही सरकार की विफलता का उदाहरण है – नील गर्ग

चंडीगढ़, 27 फरवरी

अमेरिका से वापस आए नौजवानों पर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के बयान की आम आदमी पार्टी (आप) ने निंदा की है। पार्टी ने कहा कि खट्टर का बयान बेहद गैरजिम्मेदाराना और गैर-संवेदनशील है। देश के केन्द्रीय मंत्री का अपने ही नौजवानों के प्रति इस तरह का बयान देना दुर्भाग्यपूर्ण है।

‘आप’ पंजाब के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि मोदी सरकार देश के नौजवानों रोजगार देने में विफल रही, इसलिए नौजवानों को नौकरी ढूंढने के लिए मजबूरन देश छोड़कर विदेश जाना पड़ रहा है। इसलिए भाजपा नेता को नौजवानों की आलोचना करने के बजाय यह सोचना चाहिए कि ऐसी नौबत क्यों आई?

नील गर्ग ने कहा कि खट्टर का बयान कोई आश्चर्यजनक नहीं है। भाजपा नेता हमेशा किसानों, नौजवानों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के प्रति घटिया बयान देते रहते हैं। नफरती बयान देना भाजपा नेताओं की फितरत है।

गर्ग ने कहा कि वापस आए नौजवान कोई एक राज्य के नहीं हैं। उसमें पंजाब, हरियाणा महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के लोग हैं। इसका स्पष्ट कारण है कि देश में रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं है। उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वादा किया था कि उनकी सरकार हर साल 2 करोड़ नौकरियां देगी, लेकिन आज हकीकत यह है रोजगार बढ़ने के बजाय दिन-प्रतिदिन घटते जा रहे हैं। अगर नौजवानों को अपने देश में नौकरी मिली होती तो उन्हें बाहर जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।

आप प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा देश को विश्वगुरु बनाने का दावा करती है। उसके नेता अक्सर कहते हैं कि नरेंद्र मोदी ने विदेशों में भारत इज्जत बढ़ाई। लेकिन जब अमेरिका ने देश के नौजवानों को हथकड़ी लगाकर वापस भेजा उस वक्त भारत की इज्जत का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि कंबोडिया जैसा छोटा देश ने अमेरिका को दो-टूक जवाब दिया और उसका जहाज अपने देश में नहीं उतरने दिया। उसने अपने जहाज से अपने लोगों को वापस लाया। वहीं भारत सरकार ने अमेरिका को कुछ नहीं कहा।

आप नेता ने भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व से मांग की कि मनोहर लाल खट्टर अपना बयान वापस लें और नौजवानों से माफी मांगे। उन्होंने कहा कि यह उनकी सरकार की ही विफलता का उदाहरण है। इसके लिए आप बेरोजगार नौजवानों को दोष नहीं दे सकतें।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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