Delhi Mock Drill: दिल्ली में 55 जगहों पर एक साथ आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल, इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी कैंपस में भूकंप और अग्निकांड पर जोरदार अभ्यास

Delhi Mock Drill: दिल्ली में 55 जगहों पर एक साथ आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल, इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी कैंपस में भूकंप और अग्निकांड पर जोरदार अभ्यास
रिपोर्ट: रवि डालमिया
राजधानी दिल्ली में आज एक अभूतपूर्व स्तर पर आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें शहर के लगभग 55 स्थानों पर एक साथ अभ्यास कर यह परखा गया कि प्रशासनिक और आपातकालीन एजेंसियां किसी बड़ी प्राकृतिक या औद्योगिक आपदा से निपटने के लिए कितनी तैयार हैं। इन मॉक ड्रिल्स का उद्देश्य था दिल्ली को एक अधिक सुरक्षित, संगठित और आपदा-सजग शहर बनाना।
शाहदरा जिले के विवेक विहार स्थित इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के ईस्ट दिल्ली कैंपस में भी इस मॉक ड्रिल का प्रभावशाली आयोजन हुआ, जिसमें विशेष रूप से भूकंप और अग्निकांड जैसी गंभीर आपात स्थितियों का अभ्यास किया गया। जैसे ही सायरन बजा और भूकंप के झटकों का संकेत दिया गया, पूरे परिसर में एक आपातकालीन स्थिति का माहौल बन गया। इसके बाद आग लगने की घटना का दृश्य भी तैयार किया गया, ताकि राहत और बचाव दलों की कार्यक्षमता को परखा जा सके।
इस अभ्यास में दिल्ली फायर सर्विस, सीआईएसएफ, दिल्ली पुलिस, दिल्ली सिविल डिफेंस, बीएसईएस और अन्य एजेंसियों ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया और वास्तविक संकट जैसी परिस्थिति में अपने-अपने दायित्वों का कुशलता से निर्वहन किया। पूरे ऑपरेशन का नेतृत्व एसडीएम विवेक विहार देवेंद्र तोमर ने किया, जिन्होंने बताया कि जैसे ही मुख्यालय से मॉक आपदा की सूचना आई, सभी रेस्क्यू टीमें निर्धारित समय के भीतर मौके पर पहुंचीं और समन्वित कार्रवाई शुरू कर दी।
फायर डिपार्टमेंट की टीम का नेतृत्व कर रहे लीड फायरमैन मोहन सिंह ने बताया कि उन्हें जैसे ही अग्निकांड की सूचना मिली, वे अपनी टीम के साथ तुरंत यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंचे और कुछ ही समय में आग पर नियंत्रण पा लिया। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया और एजेंसियों के बीच तालमेल सबसे महत्वपूर्ण होता है।
इस मॉक ड्रिल के दौरान घायलों की सुरक्षित निकासी, प्राथमिक चिकित्सा, अग्निशमन, विद्युत आपूर्ति बंद करना, और भीड़ नियंत्रण जैसी तमाम गतिविधियों को सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया गया। सभी एजेंसियों के बीच आपसी तालमेल, जिम्मेदारियों का स्पष्ट निर्धारण और संचार प्रणाली की दक्षता को विशेष रूप से परखा गया।