उत्तर प्रदेश, नोएडा: यमुना सिटी में सौर ऊर्जा के उपकरण तैयार होंगे
उत्तर प्रदेश, नोएडा: यमुना सिटी में सौर ऊर्जा के उपकरण तैयार होंगे

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा।यमुना सिटी के सेक्टर-8 में सौर ऊर्जा के उपकरण तैयार करने के लिए 200 एकड़ में बड़ा प्लांट स्थापित होगा। इसके लिए सील सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को उत्तरप्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। कंपनी पैनल शीट और अन्य संयंत्र तैयार करेगी। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के एक अधिकारी ने बताया कि यह क्षेत्र में नई ग्रीनफील्ड परियोजना होगी। इसे अल्ट्रा मेगा श्रेणी में रखा गया है। इस श्रेणी तीन हजार करोड़ या इससे अधिक निवेश करने वाली कंपनियों को शामिल किया जाता है।
कंपनी ने यीडा से सेक्टर-8 में प्लांट स्थापित करने के लिए 200 एकड़ भूमि की मांग की थी। 24 फरवरी 2025 को प्राधिकरण ने कंपनी को लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) जारी करते हुए प्रस्ताव शासन को भेज दिया था। बीते 10 जुलाई को इंवेस्ट यूपी ने कंपनी के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए पत्र जारी कर दिया गया। बुधवार को शासन से पत्र प्राप्त होने के बाद प्राधिकरण ने कंपनी को भूमि आवंटन करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। वहीं, कंपनी के पदाधिकारियों ने भी यीडा पहुंचकर इस संबंध में दस्तावेज समेत अन्य बिंदुओं पर बातचीत की। उम्मीद है कि इसी महीने कंपनी को भूमि आवंटित कर दी जाएगी। कंपनी के पदाधिकारी ने बताया कि कंपनी के पास भारत में 6.7 गीगावॉट से ज्यादा की सोलर परियोजना है। इनमें कुछ चल रहे हैं और कुछ निर्माणाधीन हैं। कंपनी के पास पहले से 3.5 गीगावॉट की टॉपकोन सोलर मॉड्यूल तैयार करने की क्षमता है।
2500 लोगों को रोजगार मिलेगा सील सोलर
पी6 प्राइवेट लिमिटेड कंपनी यीडा क्षेत्र में करीब 8253 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यह प्रस्ताव यीडा क्षेत्र में अबतक के सबसे बड़े निवेश में से एक है। इस निवेश से क्षेत्र में करीब 2500 लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
सोलर मॉड्यूल और सेल तैयार होंगे
यह कंपनी पांच गीगावॉट (जीवी) की सोलर सेल विनिर्माण इकाई और पांच गीगावॉट की सोलर मॉड्यूल विनिर्माण इकाई स्थापित करेगी। सोलर सेल वह फोटोवोल्टिक प्रक्रिया होती है, जो सूरज की रोशनी को सीधे बिजली में बदलती है। सौर ऊर्जा के लिए यह एक महत्वपूर्ण संयंत्र होता है, जिसे सिलिकॉन वेफर से बनाया जाता है। वेफर की सतह पर खास कोटिंग होती है और उसे इलेक्ट्रोड से जोड़े जाते हैं। वहीं, सोलर मॉड्यूल (जिसे आमतौर पर सोलर पैनल कहते हैं) कई सोलर सेल को जोड़कर बनाया जाता है। इसके संचालन में कई प्रकार के उपकरण भी इस्तेमाल होते हैं, जिनका उत्पादन भी प्लांट में किया जाएगा। वहीं, प्लांट शुरू होने के बाद कुल क्षमता 8.5 गीगावॉट करने की तैयारी है। कंपनी टॉपकोन तकनीक से सोलर सेल बनाएगी।
वर्जन
उत्तरप्रदेश सरकार ने प्राप्त लेटर ऑफ कंफर्ट के आधार पर कंपनी को जमीन आवंटित करने की तैयारी है। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस परियोजना से सोलर क्षेत्र में बड़ा इजाफा होगा। – शैलेंद्र भाटिया, ओएसडी यीडा