उत्तर प्रदेश, नोएडा:दूसरी जांच में भी सोसाइटियों बंद मिले रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
उत्तर प्रदेश, नोएडा:दूसरी जांच में भी सोसाइटियों बंद मिले रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा।प्रशासन की ओर से दूसरी बाद शुरू की गई जांच में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बंद मिल रहे हैं, जबकि सोसाइटियों को पूर्व की जांच में नोटिस जारी कर स्थिति सुधारने का समय दिया गया था। अब भूगर्भ जल विभाग ने नोटिस जारी कर सात दिन का और समय दिया है। साथ ही, नोएडा और ग्रेटर नोएडा की अन्य सोसाइटियों से सात दिनों में ई-मेल gwdnoida2223
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gmail.com पर जवाब मांगा है। विभाग ने इस बार जवाब नहीं देने पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने विभाग को निर्देशित भी कर दिया है।
दरअसल, नोएडा और ग्रेटर नोएडा की ज्यादातर सोसाइटियों के रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बंद हैं। पिछले साल की जांच में खुलासा होने के बाद प्रशासन ने इस साल मानसून से पहले सिस्टम को चालू कराने का प्रयास किया, लेकिन कार्रवाई न होने से प्रयास असफल रहा। मानसून की बारिश शुरू हो चुकी है, लेकिन रेन वाटर हार्वेस्टिंग बंद पड़े हैं। अमर उजाला ने 26 जून को खबर प्रकाशित कर ये मुद्दा उठाया था। इसके बाद डीएम ने भूगर्भ जल विभाग को जांच का आदेश दिया।
शनिवार को भूगर्भ जल विभाग की टीम ने ग्रेनो वेस्ट की सोसाइटियों से जांच शुंरू की। पहले दिन साया जिऑन, 6 एवेन्यू, 7 एवेन्यू व आस्था ग्रीन समेत छह सोसाइटियों की जांच हुई। सभी जगह कुछ रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बंद मिले। अफसरों ने बताया कि अगर चार सिस्टम हैं तो एक या दो बंद हैं। इन्हें पूर्व में भी सभी सिस्टम चालू करने का मौका दिया गया था। अब अंतिम नोटिस जारी कर 7 दिनों का समय दिया गया है। इसके बाद जुर्माना लगेगा।
सात दिन में जवाब नहीं दिया तो जुर्माना
प्रशासन ने नोएडा और ग्रेनो की सभी सोसाइटियों को सात दिन का समय दिया है। सभी को रेन वाटर हार्वेस्टिंग की रिपोर्ट ईमेल पर भेजनी होगी। अगर किसी की रिपोर्ट नहीं मिली तो जुर्माना लगेगा। साथ ही, रिपोर्ट की समीक्षा कर कार्रवाई होगी।
सोसाइटियों के रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच शुरू की गई है। अन्य सभी सोसाइटी से 7 दिनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर रिपोर्ट मांगी गई है। अगर रिपोर्ट नहीं मिली तो 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। एओए या बिल्डर विभाग की ईमेल पर रिपोर्ट भेज सकते हैं। – अंकिता राय, हाइड्रोलॉजिस्ट भूगर्भ जल विभाग