उत्तर प्रदेश, नोएडा: अजनारा होम्स में एओए के चुनाव पर विवाद
उत्तर प्रदेश, नोएडा: अजनारा होम्स में एओए के चुनाव पर विवाद

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित अजनारा होम्स सोसाइटी में एओए के चुनाव को लेकर विवाद शुरू हो गया। कुछ लोगों ने चुनाव में पारदर्शिता और निष्पक्षता न बरतने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि निर्विरोध जीते उम्मीदवारों ने उनसे दबाव बनाकर चुनाव में नामांकन वापस करवाया। अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन चुनाव में दो पक्ष मैदान में उतरे। इनके 10-10 उम्मीदवार थे। दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी नामांकन किया। कुल मिलाकर 22 लोगों ने चुनाव के लिए इच्छा जाहिर की। नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 27 अप्रैल रात 9 बजे निर्धारित थी।
इस समय तक कोई नामांकन वापसी समिति के पास आधिकारिक रूप से प्रस्तुत नहीं हुआ। इसके बाद भी निर्विरोध 10 लोगों को जीता दिया गया। प्रदीप, नीरज, रितु ने बताया कि चुनाव से पहले आपसी सहमति के लिए बैठक आयोजित की गई। इसमें दोनों पक्षों के लोगों ने पांच-पांच सदस्य शामिल कर एक एओए बनाने का निर्णय किया। प्रदीप, नीरज, ऋतु का आरोप है कि सहमति बनने के बाद उन्होंने अपनी तरफ से चुनाव नामांकन से नाम वापस लेने के लिए फॉर्म भरकर दिए। जबकि, दूसरे पक्ष की तरफ से ऐसा नहीं किया गया। निर्विरोध अपने आप को चुनाव कमेटी द्वारा विजय घोषित कर दिया गया। वहीं, उनके द्वारा जमा किए गए चुनाव वापसी के फॉर्म समय बीतने के बाद के थे। ऐसे में उनका मानना नियमों के विरुद्ध है। वहीं, उनके ऊपर चुनाव नामांकन से नाम वापस लेने के लिए दबाव भी बनाया गया। उनका कहना है कि अजनारा होम्स के कुछ जागरूक निवासी, चुनाव समिति की इस अवसरवादी और पक्षपातपूर्ण भूमिका का कड़ा विरोध करते हैं। लोकतंत्र और पारदर्शिता के मूल सिद्धांतों का इस प्रकार हनन किया जाना सोसाइटी की भावना को आहत करता है। अध्यक्ष ने आरोपों को गलत बताया निर्विरोध चुनी गई एओए कमेटी के अध्यक्ष चंदन सिन्हा ने बताया कि उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं। आपसी सहमति में दोनों लोगों ने मिलकर चुनाव कमेटी गठित करने का निर्णय लिया था। दूसरे पक्ष द्वारा सभी बड़े पदों के मांग की गई थी, जो सरासर गलत थी। वहीं, किसी के ऊपर चुनाव फार्म पर साइन करने के लिए कोई दबाव नहीं बनाया गया।
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