उत्तर प्रदेश, महाकुम्भ नगर: माघ पूर्णिमा पर्व पर संगम स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने भण्डारों में ग्रहण किया प्रसाद
उत्तर प्रदेश, महाकुम्भ नगर: संगम से स्नान कर लौट रहे तीर्थयात्रियों को जगह जगह मिल रहा चाय, बिस्कुट और पूड़ी-सब्जी का प्रसाद

उत्तर प्रदेश, महाकुम्भ नगर, 12 फरवरी। महाकुम्भ में माघ पूर्णिमा पर्व पर करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज में पवित्र संगम में स्नान किया। देश के कोने-कोने से आये श्रद्धालुओं और कल्पवासियों ने पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई। मेला प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के सुगम स्नान के लिए सभी जरूरी प्रबंध किये गये, जबकि विभिन्न संस्थाओं और शिविरों ने उनके लिए भंडारों का आयोजन किया। महाकुम्भ में स्नानार्थियों को भोजन और प्रसाद का वितरण करना सनातन परंपरा में श्रेयस्कर माना गया है। इसी परंपरा को निभाते हुए मेला क्षेत्र और प्रयागराज शहर में श्रद्धालुओं के लिए जगह – जगह भण्डारे और अन्न क्षेत्र चलाये जा रहे हैं। जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु भोजन और प्रसाद ग्रहण कर भण्डारा आयोजकों को आशीष दे रहे हैं।
अडाणी और अंबानी समूह भी चला रहे हैं महाकुम्भ में अन्न भण्डारे
महाकुम्भ 2025 के दिव्य अवसर पर लगभग पूरे मेला क्षेत्र और शहर में तीर्थयात्रियों के लिये भण्डारे और अनन्य अन्न क्षेत्र चलाये जा रहे हैं। इसी क्रम में देश के सबसे धनाढ्य व्यापारी समूह अडाणी इंटरप्राईजेस और अंबानी परिवार के रिलांएस समूह की ओर से भण्डारों का आयोजन हो रहा है। अडाणी समूह, ईस्कॉन संस्था के साथ मिलकर मेला क्षेत्र में कई जगह भण्डारा चला रहा है। जबकि अंबानी परिवार की ओर से मेले के सेक्टर-1 में विशाल अन्न भण्डारे का आयोजन किया गया है। इसके अलावा ईस्कॉन रेलवे स्टेशन के होल्डिंग एरिया में भी तीर्थयात्रियों को भोजन की सुविधा उपलब्ध करवा रहा है।
लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया भोजन और प्रसाद
भईया जी का दाल भात केंद्र, शिव शक्ति भण्डारा, तपसी घाम, दाऊ जी का भण्डारा मेला क्षेत्र में प्रति दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं को भोजन प्रसाद का वितरण कर रहा है। साथ ही तिरूपति बाला जी देवस्थानम, विहिप की सीता रसोई, अखाड़ों के अन्न क्षेत्र और मेले में आई हुई कई धार्मिक संस्थाएं भी अनन्य अन्न भण्डारे चला रही हैं। जहां लाखों की संख्यां में श्रद्धालु माघी पूर्णिमा का स्नान कर भोजन और प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। इसके साथ ही स्नान कर अपने घरों को लौट रहे तीर्थयात्रियों को प्रयागराज के शहरवासी भी चाय, बिस्कुट, खिचड़ी, हलवा या पूड़ी सब्जी बांट कर पुण्य के भागी बन रहे हैं।