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नई दिल्ली: ‘शोध’ चिकित्सा प्रगति की रीढ़ : श्रीनिवास

नई दिल्ली: -देश के सभी 20 एम्स में शोध के लिए विकसित की जाएगी एकीकृत शोध व्यवस्था

नई दिल्ली, 30 जनवरी : ‘शोध’ चिकित्सा प्रगति की रीढ़ है। इसके माध्यम से गंभीर रोगों के इलाज की प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ किफायती बनाने में भी मदद मिलती है। यह बातें एम्स दिल्ली के निदेशक प्रो. एम. श्रीनिवास ने चौथे एम्स वार्षिक शोध दिवस 2025 के अवसर पर वीरवार को कहीं।

उन्होंने कहा, एम्स हमारे समय की दबावपूर्ण स्वास्थ्य सेवा चुनौतियों का समाधान करने वाले नए अध्ययनों व शोधों का पोषण और समर्थन करना जारी रखेगा। इस अवसर पर एसोसिएट डीन (शोध) प्रो. गोविंद मखारिया ने बताया कि आज 12 नए स्वास्थ्य नवाचार और 515 शोध पत्र पेश किए गए हैं जिनके माध्यम से मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के साथ प्रभावी उपचार प्रदान करने में आसानी होगी। कार्यक्रम के दौरान एम्स के शीर्ष शोधकर्ताओं को उनकी शोध उपलब्धियों के लिए ‘एम्स एक्सीलेंस इन रिसर्च अवार्ड्स’ से सम्मानित किया गया।

इस दौरान एम्स हीरक जुबली भाषण समारोह के साथ पैन-एम्स अनुसंधान संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। संगोष्ठी में देशभर के 20 एम्स संस्थानों के डीन स्तर के सभी 20 अधिकारियों ने चिकित्सा अनुसंधान को आगे बढ़ाने, सहयोग को बढ़ावा देने और भारत भर के सभी एम्स संस्थानों के लिए एकीकृत अनुसंधान ढांचे का निर्माण करने के लिए एक साझा दृष्टिकोण विकसित करने पर सहमति जताई। इस अवसर पर किंग्स कॉलेज लंदन के वाईस चांसलर प्रो. क्षितिज कपूर, एम्स के शैक्षिक डीन प्रो. केके वर्मा, शोध डीन प्रो. निखिल टंडन, प्रो. आलोक ठक्कर और डॉ रीमा दादा मौजूद रहे।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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