नई दिल्ली, 3 अक्तूबर : युवा फैक्ट्री कर्मचारी का कटा हाथ सफलतापूर्वक जोड़ने के साथ ही राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के खाते में हस्त प्रत्यारोपण संबंधी उपलब्धि दर्ज हो गई है।
दरअसल, छह दिन पहले एक 24 वर्षीय फैक्ट्री कर्मचारी को दाहिने हाथ की कलाई से कटी हथेली के साथ हरियाणा के बहादुरगढ़ से आरएमएल अस्पताल (दिल्ली) लाया गया था। पीड़ित ने बताया कि वह पारंपरिक स्क्रॉल आरी की जगह लेजर वुडकटर मशीन से लकड़ी के जटिल डिजाइन और विस्तृत पैटर्न बना रहा था कि लेजर बीम लकड़ी की जगह उसकी कलाई पर पड़ गई। जिससे उसका दाहिना हाथ तुरंत कट कर अलग हो गया। पीड़ित ने स्वयं अपनी कटी हुई हथेली उठाई और स्थानीय अस्पताल पहुंच गया। मगर वहां से उसे आरएमएल अस्पताल रेफर कर दिया गया।
मरीज की गंभीर हालत के मद्देनजर इमरजेंसी विभाग ने उसे प्लास्टिक सर्जरी विभाग में रेफर कर दिया। इसके बाद प्रोफेसर डॉ मुकेश शर्मा के नेतृत्व में पीड़ित की 9 घंटे लंबी सर्जरी की गई। पहले माइक्रोवैस्कुलर तकनीक के साथ माइक्रोस्कोप के नीचे हड्डियों और टेंडन को ठीक किया गया। फिर पीड़ित की कलाई और हथेली की धमनियों, नसों व तंत्रिकाओं को जोड़कर हाथ का प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक संपन्न किया गया। इस जटिल सर्जरी को अंजाम देने वाली टीम में डॉ. सोनिका, डॉ. सुकृति, डॉ. धवल के साथ ऑर्थोपेडिक विभाग से डॉ. विग्नेश, डॉ. मंजेश और डॉ. शुभम मौजूद रहे। सर्जरी के बाद, मरीज को अगले तीन दिनों तक आईसीयू में रखा गया और अब वह ठीक है। डॉ मुकेश ने बताया कि जल्द ही पीड़ित की करेक्टिव सर्जरी और पुनर्वास की प्रक्रिया की जाएगी।
अंग भंग होने पर क्या करें ?
प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. समीक भट्टाचार्य ने बताया कि यदि शरीर के कटे हुए हिस्से को छह घंटे से कम समय में अस्पताल लाया जाता है, तो सफल प्रत्यारोपण की अच्छी संभावना होती है। उन्होंने कहा कि कटे हुए हिस्से को पानी से और यदि संभव हो तो, स्टेराइल सेलाइन सॉल्यूशन से साफ करना चाहिए। इसे गीले गॉज रैप से ढकना चाहिए और सीलबंद वॉटरटाइट बैग में रखना चाहिए। फिर बैग को आइस बॉक्स में रखना चाहिए।