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तीन जिलों में शुरू होगा जीएसटी पंजीकरण प्रकोष्ठ

तीन जिलों में शुरू होगा जीएसटी पंजीकरण प्रकोष्ठ

अमर सैनी 

गाजियाबाद। गाजियाबाद, बुलंदशहर और हापुड़ में हर महीने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए करीब 2500 फर्म पंजीकृत होती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इनमें से करीब 200 से 250 फर्म फर्जी होती हैं, जो सिर्फ टैक्स चोरी के मकसद से बनाई जाती हैं। इस फर्जीवाड़े पर नकेल कसने के लिए राज्य कर विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर ली है।
गाजियाबाद जोन-1 और जोन 2 के अंतर्गत आने वाले गाजियाबाद, बुलंदशहर और हापुड़ जिलों के कार्यालयों में जल्द ही पंजीकरण प्रकोष्ठ शुरू होने जा रहे हैं। इसके बाद बिना बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के जीएसटी पंजीकरण नहीं हो सकेगा। सात साल पहले लागू जीएसटी से कर संग्रह में बढ़ोतरी के साथ ही राज्यों के राजस्व में बढ़ोतरी हुई, लेकिन फर्जी कंपनियां बनाकर फर्जी बिलों के जरिए कर चोरी करने वालों से निपटना अब भी बड़ी चुनौती बना हुआ है। पिछले साल मई से दिसंबर के बीच फर्जी पंजीकरण के खिलाफ अभियान के दौरान देशभर में 29 हजार फर्मों की पहचान की गई, जिन्होंने करीब 44 हजार करोड़ रुपये का गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) क्लेम कर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाया। फर्जी फर्मों की धोखाधड़ी से निपटने के लिए हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बायोमेट्रिक आधारित प्रमाणीकरण वाली जीएसटी पंजीकरण व्यवस्था लागू करने को कहा था। राज्य कर विभाग के गाजियाबाद जोन ने भी इस दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। राज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 दिनेश मिश्रा ने बताया कि जीएसटी गाजियाबाद जोन-1 और जोन-2 के अंतर्गत आने वाले तीनों जिलों में पंजीकरण सेल बनाने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है। जीएसटी पंजीकरण के लिए आवेदक को बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण और दस्तावेज सत्यापन के लिए पंजीकरण सेल में आना होगा। इसके लिए ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग की सुविधा भी दी जाएगी, ताकि पंजीकरण की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो। हर महीने 30 हजार ई-वे बिल चेक किए जाते हैं जीएसटी धोखाधड़ी को पकड़ने के लिए अकेले राज्य कर विभाग गाजियाबाद जोन-1 और जोन 2 के तीन जिलों में हर महीने करीब 300 करोड़ के माल से जुड़े करीब 30 हजार ई-वे बिल चेक करता है। इनमें करीब छह हजार वाहनों की भी चेकिंग की जाती है। औसतन विभाग की विशेष जांच शाखा हर माह 10 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूल रही है, जबकि इतनी ही राशि उड़नदस्तों द्वारा वसूली जा रही है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान से सटे होने के कारण नोएडा-गाजियाबाद में टैक्स धोखाधड़ी के मामले सबसे ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।

नौकरों के नाम पर फर्जी पते पर कंपनियां

अधिकारियों ने बताया कि बड़ी संख्या में ऐसे मामले प्रकाश में आ रहे हैं, जिसमें कंपनियां वास्तविक टर्नओवर छिपाकर और अपने ही कर्मचारियों के दस्तावेज का इस्तेमाल कर फर्जी कंपनियां बना रही हैं। फर्जी कंपनियों से फर्जी बिलों के जरिए कागजों पर कारोबार किया जा रहा है। कई मामलों में जांच के दौरान कंपनियां पंजीकृत पते पर नहीं पाई गईं। बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण की नई व्यवस्था शुरू होने के बाद इस तरह की धोखाधड़ी पर अंकुश लगने की उम्मीद है।

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