तालाबों के सौंदर्यीकरण के लिए ग्राम प्रधान और कंपनियों के बीच होगा करार
तालाबों के सौंदर्यीकरण के लिए ग्राम प्रधान और कंपनियों के बीच होगा करार
अमर सैनी
गाजियाबाद। जिले में तालाबों के सौंदर्यीकरण और भूजल के स्तर को बढ़ाने के लिए कंपनियों और ग्राम प्रधानों के बीच करार होगा। इसके तहत कंपनियां जितना पानी जमीन से निकालकर उपयोग कर रही हैं, उतने जल का संचयन तालाबों में करेंगी। पूरी योजना पर ग्राम प्रधान नजर रखेंगे।
जिले मे तकरीबन 662 तालाब मौजूद हैं। इस योजना के तहत इन सभी तालाबों का सौंदर्यीकरण हो जाएगा। वहीं, दूसरी तरफ भूजल का स्तर भी बढ़ जाएगा। मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल ने बताया कि जिन कंपनियों को भूजल निकासी की एनओसी दी गई है, उन कंपनियों का ग्राम पंचायतों के साथ करार करवाया जा रहा है। इससे वह तालाबों का रखरखाव और सौंदर्यीकरण कर सकेंगी।
उन्होंने बताया कि कंपनियां जितनी मात्रा में भूमि से जल निकासी करती है अगर उतने पानी का संचयन तालाबों के माध्यम से हो जाए तो भूजल का स्तर नीचे नही गिरेगा। इस उद्देश्य को लेकर इन कंपनियों और ग्राम पंचायतों के बीच करार करवाया जा रहा है।
तेजी से गिर रहा जिले का भूजल का स्तर
गाजियाबाद में कई जगहों पर जल निगम के द्वारा पानी की सप्लाई नहीं दी जाती जिसके कारण लोग बोरिंग से भूजल की निकासी कर उसका उपयोग करते हैं। इसका असर है कि जिले में तेजी से भूजल स्तर गिर रहा है। खासकर जिले के कुछ क्षेत्रों में हालात काफी बदतर है। जिले में जिस जगह पर पानी की सप्लाई पूरी तरह से सुचारू नहीं है, वहां पर लोग भूमि से जलनिकासी के लिए एनओसी लेते है। इसके बाद बोरिंग और अन्य माध्यमों से भूमि से जल निकासी की जाती है। एक बोरिंग के लिए एक एनओसी की जरूरत होती है। कुछ कंपनियों ने एक से ज्यादा एनओसी ले रखी है।
अधिकांश तालाबों की स्थिति खराब
जिले में ज्यादातर तालाबों की हालत खराब है। तालाबों में या तो मिटटी भर चुकी है या तालाब गंदगी से अटे पड़े हैं। इस कारण तालाबों में पानी का संचयन नहीं हो पाता है। इससे भूजल स्तर में गिरावट हो रही और लोगों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही। भविष्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कंपनियों और ग्राम पंचायत के बीच करार के बाद तालाबों की सफाई हो पाएगी और तालाब प्राकृतिक रूप से जल संचयन कर पाएंगे।