Delhi MCD Bypoll Results: दिल्ली एमसीडी उपचुनाव 2025: भाजपा का दमदार प्रदर्शन, 7 वार्डों पर जीत, AAP को झटका, कांग्रेस और वामपंथी दल ने भी दर्ज की उपस्थिति

Delhi MCD Bypoll Results: दिल्ली एमसीडी उपचुनाव 2025: भाजपा का दमदार प्रदर्शन, 7 वार्डों पर जीत, AAP को झटका, कांग्रेस और वामपंथी दल ने भी दर्ज की उपस्थिति
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) उपचुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं, और राजधानी की सियासत में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर अपनी मजबूत पकड़ का प्रदर्शन किया है। कुल 12 वार्डों में हुए उपचुनाव में भाजपा ने 7 वार्ड जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई है। आम आदमी पार्टी (आप) केवल 3 सीटें ही बरकरार रख सकी, जबकि कांग्रेस और वामपंथी दल ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB) ने एक-एक सीट पर जीत हासिल की। यह परिणाम आने वाले दिनों में दिल्ली की राजनीतिक दिशा और शक्ति संतुलन पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं।
बता दें कि ये उपचुनाव 30 नवंबर को हुए थे। जिन 12 वार्डों में मतदान कराया गया, उनमें से पहले 9 वार्ड भाजपा के कब्जे में थे जबकि बाकी 3 वार्ड AAP के पास थे। परिणामों में भाजपा ने अपने आधार को काफी हद तक बचाए रखा और कई वार्डों में कड़ी टक्कर के बावजूद जीत दर्ज की। वहीं आप पार्टी इन चुनावों में अपेक्षाओं के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सकी और उसे नुकसान झेलना पड़ा।
दिल्ली में 2022 में हुए एमसीडी चुनाव में 250 वार्डों पर कुल 50.47% मतदान हुआ था, जबकि इस उपचुनाव में मतदान प्रतिशत घटकर 38.51% पर आ गया, जो यह दर्शाता है कि जनता की चुनावी सक्रियता इस बार काफी कम रही। इसके बावजूद मतदान केंद्रों पर राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता और कार्यकर्ताओं की हलचल बनी रही।
उपचुनाव की मतगणना 10 अलग-अलग केंद्रों पर पूरी की गई, जिनमें कंझावला, पीतमपुरा, भारत नगर, सिविल लाइंस, राउज एवेन्यू, द्वारका, नजफगढ़, गोले मार्केट, पुष्प विहार और मंडावली के केंद्र शामिल थे। चुनाव आयोग की ओर से सुरक्षा और प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर विशेष प्रबंध किए गए थे।
नतीजों के शुरुआती रुझानों में भाजपा और AAP के बीच करीबी मुकाबला देखने को मिला, लेकिन अंतिम चरण में भाजपा ने बढ़त को मजबूत कर लिया। AAP केवल 3 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी, जबकि कांग्रेस ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए एक सीट जीत ली। वामपंथी दल AIFB ने भी एक सीट पर जीत हासिल कर सबको चौंका दिया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह उपचुनाव दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जनता के मूड का संकेत दे सकता है। एमसीडी में सत्ता संघर्ष भाजपा और AAP के बीच लंबे समय से जारी है, और यह परिणाम दोनों दलों की रणनीतियों पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं।
यह उपचुनाव जहां भाजपा के लिए ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ाने वाला साबित हुआ है, वहीं AAP के लिए यह एक बड़ा चेतावनी संकेत है कि दिल्ली की स्थानीय राजनीति में उसकी पकड़ पहले जितनी मजबूत नहीं रह गई है। आने वाले महीनों में सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों में परिवर्तन करने पर मजबूर हो सकते हैं।





