NIPT Kit Monitoring: NIPT किट पर बुलेट जैसी निगरानी की मांग, दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र को लिखा पत्र, अवैध लिंग निर्धारण पर लगेगी लगाम?

NIPT Kit Monitoring: NIPT किट पर बुलेट जैसी निगरानी की मांग, दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र को लिखा पत्र, अवैध लिंग निर्धारण पर लगेगी लगाम?
नई दिल्ली, राजधानी दिल्ली में अवैध लिंग निर्धारण की बढ़ती घटनाओं ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। इसी को देखते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार को एक विस्तृत पत्र लिखा है, जिसमें NIPT (Non Invasive Prenatal Testing) किट पर कड़ी निगरानी और इसके दुरुपयोग पर रोक लगाने की मांग की गई है। ये किट मूल रूप से गर्भस्थ शिशु में आनुवांशिक विकारों की जांच के लिए बनाई गई थीं, लेकिन आसान उपलब्धता, छोटे आकार और गुप्त तरीके से उपयोग किए जाने की सुविधा के कारण अवैध भ्रूण लिंग निर्धारण नेटवर्क की पहली पसंद बन चुकी हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजे गए पत्र में प्रस्ताव रखा गया है कि एम्स दिल्ली को नोडल एजेंसी नामित किया जाए, ताकि राजधानी में वितरित होने वाली सभी NIPT किट का रिकॉर्ड, आवंटन, उपयोग और निस्तारण की पूरी चेन एक ही केंद्रीय प्रणाली के तहत नियंत्रित की जा सके। प्रस्ताव में मांग की गई है कि प्रत्येक प्रयोगशाला को किट के प्रयोग का विवरण अनिवार्य रूप से रिपोर्ट करना होगा, जिससे पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सके। विभाग का दावा है कि यदि NIPT किट का हिसाब-किताब बंदूक की गोली यानी ‘बुलेट’ की तर्ज पर रखा जाए—जिसमें हर एक गोली का सीरियल नंबर मिलान और ट्रैक किया जाता है—तो अवैध नेटवर्क पर तेजी से और प्रभावी तरीके से कार्रवाई संभव हो सकेगी।
गौरतलब है कि दिल्ली के आर्थिक और सांख्यिकी निदेशालय तथा मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म एवं मृत्यु) कार्यालय द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट ने महिला लिंगानुपात में लगातार गिरावट की गंभीर तस्वीर पेश की है। वर्ष 2020 में 1000 पुरुषों पर 933 महिलाएं दर्ज की गई थीं, जो 2021 में घटकर 932 हो गईं। 2022 में यह अनुपात 929, 2023 में 922 और 2024 में गिरकर मात्र 920 रह गया। पांच वर्षों में 1000 पुरुषों पर 13 महिलाएं ‘गायब’ होने का यह आंकड़ा प्रशासन और समाज दोनों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
दिल्ली में हालात बिगड़ते जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ गर्भस्थ बच्चियों की हत्या के लिए बदनाम पड़ोसी राज्य हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार देखा गया है। वहां अक्टूबर 2024 में 1000 पुरुषों पर 905 महिलाएं थीं, जबकि अक्टूबर 2025 में यह संख्या बढ़कर 913 हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुधार सख्त निगरानी, ट्रैकिंग और अवैध नेटवर्क के खिलाफ कठोर कार्रवाई का परिणाम है।
प्रशासनिक और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यदि NIPT किटों की निगरानी के लिए प्रस्तावित व्यवस्था तुरंत लागू की जाती है, तो भ्रूण हत्या की काली उद्योग श्रृंखला पर निर्णायक प्रहार किया जा सकता है और महिला लिंग अनुपात के असंतुलन को रोका जा सकता है। समाजसेवी संगठनों ने भी केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं और बालिकाओं के अस्तित्व की रक्षा सुनिश्चित की जाए।





