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Safdarjung Hospital: सफदरजंग अस्पताल ने शुरू किया विशेष मायोपिया क्लीनिक, बच्चों की बढ़ती नजर कमजोरी पर लगाम का प्रयास

Safdarjung Hospital: सफदरजंग अस्पताल ने शुरू किया विशेष मायोपिया क्लीनिक, बच्चों की बढ़ती नजर कमजोरी पर लगाम का प्रयास
नई दिल्ली में बच्चों और युवाओं में तेजी से बढ़ रहे निकट दृष्टिदोष (मायोपिया) की समस्या को देखते हुए सफदरजंग अस्पताल ने एक समर्पित ‘मायोपिया क्लीनिक’ की शुरुआत की है। इस विशेष क्लीनिक का उद्घाटन चिकित्सा अधीक्षक डॉ. चारु बाम्बा ने किया। इस अवसर पर नेत्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. अनुज मेहता और मायोपिया क्लीनिक के प्रभारी एवं नेत्र सर्जन डॉ. पंकज रंजन भी मौजूद रहे।

बच्चों में मायोपिया बढ़ने के मुख्य कारणों पर प्रकाश डालते हुए डॉ. रंजन ने बताया कि आजकल बच्चे मोबाइल फोन, टैबलेट और टीवी जैसे स्क्रीन उपकरणों पर अत्याधिक समय बिताते हैं। स्क्रीन टाइम बढ़ने के साथ ही बच्चे आउटडोर गतिविधियों से दूर होते जाते हैं, जिससे आंखों पर दबाव बढ़ता है और मायोपिया तेजी से विकसित होता है। यही कारण है कि अब कम उम्र में चश्मा लगना, चश्मे का नंबर लगातार बढ़ना, हाई मायोपिया और रेटिना संबंधी समस्याएं आम हो गई हैं। अस्पताल ने इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इस विशेष क्लीनिक की स्थापना की है।

नए मायोपिया क्लीनिक में आंखों की जांच से लेकर उन्नत उपचार तक विस्तृत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इनमें शुरुआती पहचान, नियमित मॉनिटरिंग, मायोपिया कंट्रोल थेरेपी, लो-डोज एट्रोपिन आई ड्रॉप, मायोपिया कंट्रोल ग्लासेज, खास मायोपिया कंट्रोल लेंस की सुविधा शामिल है। इसके साथ ही स्क्रीन टाइम मैनेजमेंट, विजुअल हाइजीन, लाइफस्टाइल सुधार, आउटडोर गतिविधियों को बढ़ावा देने संबंधी परामर्श और माता-पिता के लिए जागरूकता सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। हाई मायोपिया वाले बच्चों की रेटिना जांच भी विशेष रूप से उपलब्ध होगी।

अस्पताल प्रशासन का मानना है कि यह क्लीनिक आने वाले समय में मायोपिया की प्रगति को रोकने और बच्चों की आंखों को दीर्घकालिक नुकसान से बचाने में बड़ी भूमिका निभाएगा। तेजी से फैल रही इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए यह कदम स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

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