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नई दिल्ली: सफदरजंग में डिजिटल सबट्रैक्शन एंजियोग्राफी ना होने से मरीज बेहाल

नई दिल्ली: -दो में से एक DSA मशीन की वारंटी और AERB सर्टिफिकेट अवधि खत्म होने से रुका काम

नई दिल्ली, 30 अक्तूबर: सफदरजंग अस्पताल में डिजिटल सबट्रैक्शन एंजियोग्राफी (डीएसए) टेस्ट के लिए लंबी -लंबी तारीखें मिल रही हैं जिसके चलते मस्तिष्क और हृदय रोगों के इलाज के लिए अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

दरअसल, अस्पताल में मरीजों की संख्या के मद्देनजर दो डीएसए मशीन इंस्टॉल हैं। एक रेडियोलॉजी विभाग में और एक न्यूरो सर्जरी विभाग में। अधिकांश मरीजों की जांच एक मशीन से ही हो रही है। जबकि दूसरी मशीन लंबे अरसे से बंद पड़ी है। इससे मरीजों के डीएसए टेस्ट की प्रतीक्षा अवधि दो से तीन महीने तक बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक दूसरी मशीन को चलाने के लिए विभाग के पास ट्रेंड स्टाफ की कमी है। इस वजह से मशीन के बाबत कंपनी से मिली वारंटी के साथ परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) की ओर से जारी लाइसेंस की अवधि भी खत्म हो गई है और डीएसए मशीन भी पूरी तरह से ठप हो गई है। सूत्रों का कहना है कि अगर दूसरी डीएसए मशीन सप्ताह में तीन दिन के लिए रेडियोलॉजी विभाग को मिल जाए तो डीएसए टेस्ट वाले मरीजों की प्रतीक्षा अवधि में काफी कमी लाई जा सकती है।

स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर रेडियोलॉजिस्ट की कमी
उधर, विभागीय तालमेल की कमी का आलम ये है कि स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर में उपचार के लिए आने वाले अर्ध सैनिक बल (बीएसएफ, सीआरपीएफ आदि के खिलाड़ी) के जवानों और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और एमआरआई टेस्ट के लिए इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट की कमी बनी हुई है। ये अधिकारी, सप्ताह में दो दिन, सेंटर में सेवा देते हैं जिसे सप्ताह में तीन दिन करने की जरुरत है। ताकि मस्कुलोस्केलेटल हस्तक्षेप वाले मरीजों को लंबी अवधि तक प्रतीक्षा ना करनी पड़े। ये टेस्ट मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों की स्थितियों का निदान और उपचार करने में मदद करते हैं।

क्यों जरुरी है एईआरबी लाइसेंस ?
एईआरबी,देश के तमाम अस्पतालों व डायग्नोस्टिक सेंटरों में इंस्टॉल विकिरण आधारित एक्स-रे मशीनों, सीटी स्कैनर, एमआर स्कैनर, रेडियोथेरेपी मशीनों के संचालन के लिए एटॉमिक एनर्जी प्रमाणन सर्टिफिकेट जारी करता है। यह प्रमाणन भारत में विकिरण उत्पन्न करने वाले उपकरणों के सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए कानूनी रूप से अनिवार्य है ताकि लोगों को किसी किस्म का नुकसान ना पहुंच सके।

क्या कहना है अस्पताल का ?
अस्पताल की प्रवक्ता पूनम ढांढा ने कहा कि न्यूरो सर्जरी विभाग में बारिश का पानी भरने से डीएसए मशीन का काम कुछ समय के लिए प्रभावित हुआ है। पानी की निकासी करने के साथ ही छत की मरम्मत करा दी गई है। मशीन की वारंटी और एईआरबी लाइसेंस के लिए जरुरी प्रक्रिया संपन्न की जा चुकी है। जल्द ही डीएसए मशीन चालू हो जाएगी।

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