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Jolly LLB 3 Review: अक्षय-अरशद की जोड़ी दमदार, लेकिन सौरभ शुक्ला ने चुरा ली पूरी लाइमलाइट

Jolly LLB 3 Review: अक्षय कुमार और अरशद वारसी की जोड़ी एक बार फिर अदालत में भिड़ती नजर आई। फिल्म का क्लाइमेक्स है असली ताकत, लेकिन सौरभ शुक्ला ने अपनी एक्टिंग से सबको पीछे छोड़ दिया। पढ़ें पूरा रिव्यू।

Jolly LLB 3 Review: अक्षय कुमार और अरशद वारसी की जोड़ी एक बार फिर अदालत में भिड़ती नजर आई। फिल्म का क्लाइमेक्स है असली ताकत, लेकिन सौरभ शुक्ला ने अपनी एक्टिंग से सबको पीछे छोड़ दिया। पढ़ें पूरा रिव्यू।

Jolly LLB 3 Review: कहानी कहां से शुरू होती है?

निर्देशक सुभाष कपूर की फ्रेंचाइजी की तीसरी किस्त ‘जॉली एलएलबी 3’ किसानों की आत्महत्या और भूमि अधिग्रहण जैसे गंभीर मुद्दे पर आधारित है।

फिल्म की कहानी राजस्थान के परसौल गांव से शुरू होती है, जहां उद्योगपति हरिभाई खेतान (गजराज राव) किसानों की जमीन हड़पकर अपने प्रोजेक्ट को पूरा करना चाहता है। किसान राजाराम सोलंकी (रॉबिन दास) विरोध करता है और आत्महत्या कर लेता है। उसकी पत्नी जानकी (सीमा बिस्वास) इंसाफ के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाती है।

शुरुआत में जगदीश्वर मिश्रा (अक्षय कुमार) हरिभाई के पक्ष में केस लड़ते हैं, जबकि जगदीश त्यागी (अरशद वारसी) जानकी के लिए। लेकिन हालात बदलते हैं और दोनों मिलकर किसानों के पक्ष में खड़े हो जाते हैं।

Jolly LLB 3 Review: क्लाइमेक्स है फिल्म की असली ताकत

फिल्म का पहला हाफ हल्की-फुल्की नोकझोंक और दोनों जॉली की प्रतिद्वंद्विता पर टिका है। लेकिन इंटरवल के बाद कोर्टरूम ड्रामा अपने असली रंग में आता है।

सुभाष कपूर ने क्लाइमेक्स को बेहतरीन तरीके से लिखा और प्रस्तुत किया है। किसानों की पीड़ा, न्याय व्यवस्था और सत्ता-पैसे के गठजोड़ पर जोरदार व्यंग्य किया गया है।

Jolly LLB 3 Review: सौरभ शुक्ला ने किया सबको पीछे

हालांकि फिल्म में अक्षय और अरशद की जुगलबंदी दमदार है, लेकिन असली शोस्टॉपर हैं सौरभ शुक्ला

  • जज के रूप में उनकी टाइमिंग, ह्यूमर और संवाद अदायगी गजब की है।

  • वो साधारण से साधारण डायलॉग को भी दर्शकों को हंसी से लोटपोट करने लायक बना देते हैं।

  • फिल्म की आत्मा उनके किरदार में ही बसती है।

Jolly LLB 3 Review: बाकी कलाकारों का प्रदर्शन

  • गजराज राव खलनायक के रूप में असर छोड़ते हैं, लेकिन लेखन थोड़ा और मजबूत हो सकता था।

  • राम कपूर अपने किरदार में सहज और प्रभावी हैं।

  • सीमा बिस्वास कम संवादों के बावजूद अपनी आंखों और भावनाओं से गहरी छाप छोड़ती हैं।

  • हुमा कुरैशी और अमृता राव को सीमित स्क्रीन टाइम मिला, लेकिन उन्होंने अपने हिस्से को ईमानदारी से निभाया।

तकनीकी पक्ष और निर्देशन

  • मंगेश धाकड़े का बैकग्राउंड स्कोर कहानी को गहराई देता है।

  • रंगराजन रामबद्रन की सिनेमैटोग्राफी दिल्ली से राजस्थान और कोर्टरूम को बारीकी से कैद करती है।

  • परवेज शेख का एक्शन और वीरा कपूर की कॉस्ट्यूम डिजाइन फिल्म को वास्तविकता से जोड़ती है।

Jolly LLB 3 Review: अंतिम फैसला

‘जॉली एलएलबी 3’ एक कोर्टरूम ड्रामा और सामाजिक संदेश का मिश्रण है। फिल्म में हास्य और व्यंग्य है, संवेदना है और क्लाइमेक्स दिल छू लेने वाला है।

अगर आप कोर्टरूम ड्रामा, सामाजिक मुद्दों और दमदार एक्टिंग देखने के शौकीन हैं, तो यह फिल्म मिस नहीं करनी चाहिए।

रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐ (4/5)

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