उत्तर प्रदेश : बुलंदशहर के राजेंद्र त्यागी मधुमक्खियों के पक्के दोस्त, एक इशारे पर आ जाती हैं हजारों मधुमक्खियां

Bulandshar News (अवनीश त्यागी) : बुलंदशहर के कस्बा स्याना के रहने वाले समाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र त्यागी की मधुमक्खियों से पक्की दोस्ती है। उनकी इस दोस्ती को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। राजेंद्र के एक इशारे पर लाखों मधुमक्खियां का झुंड उनकी और उमड़ पड़ता है, और चंद मिनट में ही उनका शरीर मधुमक्खियां से ढक जाता है।
राजेंद्र बताते हैं कि 1990 में ग्रेजुएशन करने के बाद 1993 में वह मौन पालन का प्रशिक्षण लेने के लिए शांतिकुंज हरिद्वार गए। ट्रेनिंग के दौरान ही राजेंद्र की मधुमक्खियां से नजदीकियां बढ़ती गईं। राजेंद्र को मधुमक्खियां की तमाम प्रजातियों के बारे में बारीकी से जानकारी है और वह उनके स्वभाव को अच्छी तरह से जानते हैं।
राजेंद्र ने 1997 में अपने खेतों पर मौन पालन का छोटा सा व्यवसाय शुरू किया। छत्ते में अधिक मक्खियों होने व बॉक्स में जगह कम पड़ने के कारण राजेंद्र पहले रानी मक्खी को हाथ से पकड़कर दूसरे बॉक्स में ट्रांसफर करते थे। तभी से राजेंद्र की मधुमक्खियां से दोस्ती शुरू हो गई।
राजेंद्र का कहना है कि रानी मक्खी की पहचान जरूरी होती है। वह जहां जाएगी, उसके पीछे अन्य मधुमक्खियां भी आ जाएंगे। यानी मूल मंत्र वही है कि रानी मक्खी से दोस्ती करो, बाकी खुद पर खुद दोस्त बन जाएंगी। राजेंद्र का मधुमक्खी प्रेम उनकी पत्नी रेखा, पुत्र प्रखर और पुत्री प्राची को भी उत्साहित कर देता है।
राजेंद्र ने बताया कि जैसे ही वह बॉक्स के बीच खड़े होकर मधुमक्खियां को खाना खिलाने की तैयारी करते हैं, तभी छत्तों से निकलकर लाखों मधुमक्खियां उनके ऊपर बैठ जाती हैं। राजेंद्र बताते हैं कि रानी मक्खी को पकड़कर बॉक्स में छोड़ने पर, कुछ देर बाद सभी मधुमक्खी वापस अपने बॉक्स में चले जाते हैं।