नई दिल्ली, 3 अप्रैल (टॉप स्टोरी न्यूज नेटवर्क): केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय ने कहा है कि आज की तारीख में 923 दवाओं पर अधिकतम कीमतें प्रभावी हैं। इनमें से 782 दवाओं के लिए प्रचलित अधिकतम कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा और मौजूदा कीमतें अगले वर्ष 31 मार्च तक लागू रहेंगी। वहीं, शेष चौवन (54) दवाएं जिनकी अधिकतम कीमत 90 रुपये से 261 रुपये है उनकी कीमतों में 0.01(एक पैसा) की मामूली बढ़ोतरी होगी। चूँकि अनुमेय मूल्य वृद्धि बहुत कम है, कंपनियां इस वृद्धि का लाभ उठा भी सकती हैं और नहीं भी।
यह आधिकारिक जानकारी अप्रैल 2024 से दवा की कीमतों में 12% तक की बढ़ोतरी होने की अफवाह के बाद सामने आई है। जिसमें 500 से अधिक दवाओं की कीमत में वृद्धि होने का दावा किया जा रहा था। मंत्रालय के मुताबिक औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ) 2013 के प्रावधानों के अनुसार, दवाओं को अनुसूचित और गैर-अनुसूचित फॉर्मूलेशन के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
फार्मास्युटिकल विभाग के तहत राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) सालाना थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आधार पर अनुसूचित दवाओं की अधिकतम कीमतों को संशोधित करता है। डीपीसीओ 2013 की अनुसूची-I में शामिल अनुसूचित दवाएं आवश्यक दवाएं हैं। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार प्राधिकरण ने बीते 20 मार्च को आयोजित बैठक में अनुसूचित दवाओं के लिए डब्ल्यूपीआई 0.00551% की वृद्धि को मंजूरी दी है।
इस प्रकार, वर्ष 2024-25 में डब्ल्यूपीआई के आधार पर दवाओं की अधिकतम कीमत में लगभग कोई बदलाव नहीं होगा। गैर-अनुसूचित फॉर्मूलेशन के मामले में, निर्माता दवा की कीमत तय करने के लिए स्वतंत्र है। हालांकि, गैर-अनुसूचित फॉर्मूलेशन का कोई भी निर्माता डीपीसीओ- 2013 के पैरा 20 के तहत पिछले 12 महीनों के दौरान एमआरपी में 10% से अधिक की वृद्धि नहीं कर सकता है।