हीटवेव से निपटने के लिए लोगों को जागरूक किया जाना जरूरी : मांडविया
-नीति आयोग, डीजीएचएस, आईसीएमआर और एम्स समेत चार केंद्रीय अस्पताल प्रमुखों संग की बैठक
नई दिल्ली, 3 अप्रैल (टॉप स्टोरी न्यूज नेटवर्क): हीटवेव से निपटने या गर्मी को मात देने के लिए लोगों में जागरूकता लाई जानी बहुत जरूरी है क्योंकि जागरूकता से ही समस्या का प्रभावी समाधान निकल सकता है। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने गर्मी से संबंधित बीमारी से निपटने की तैयारियों की समीक्षा बैठक में कहीं। इस दौरान आगामी गर्मी के मौसम के लिए तैयार कार्य योजना पर भी चर्चा की गई।
डॉ. मांडविया ने लू से होने वाली बीमारियों और मौतों के स्थानीय डेटा को साझा करने के लिए राज्यों से इनपुट देने और एक केंद्रीय डेटाबेस बनाने पर जोर दिया, ताकि स्थिति का यथार्थवादी मूल्यांकन किया जा सके। उन्होंने राज्यों में आईएमडी अलर्ट मिलते ही समय पर कार्रवाई के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, निवारक उपायों पर लोगों के बीच समय पर, अग्रिम और व्यापक जागरूकता से ऐसी गर्मी की लहरों के गंभीर प्रभाव को कम करने में काफी मदद मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने गर्मी से संबंधित बीमारियों के कुशल प्रबंधन के लिए अधिकारियों को बेहतर समन्वय और समझ के साथ राज्यों के साथ बैठक करने की भी सलाह दी।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने लोगों के बीच सूचना और जागरूकता अभियान के लिए राज्य-स्तरीय और जिला-स्तरीय समितियों के गठन पर जोर दिया। उन्होंने आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को वाटर कूलर, आइस पैक और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं से लैस करने के महत्व को बताया। नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल ने राज्य स्तर पर पालन किए जा रहे दिशानिर्देशों की एक चेकलिस्ट बनाने और उसके महत्व पर ध्यान आकृष्ट किया। साथ ही वेबिनार और अन्य तरीकों से उपचार प्रोटोकॉल पर जागरूकता फैलाने पर जोर दिया। उन्होंने गर्मी से संबंधित मामलों और बीमारी पर प्रत्येक राज्य से डेटा का एक भंडार बनाने पर भी जोर दिया।
इसके अलावा 23 राज्यों में हीट एक्शन प्लान को अद्यतन किया गया है, जबकि लगभग 100 जिलों में हीटवेव जागरूकता सृजन पर एक्शन अभियान चलाया जा रहा है। हीट स्ट्रोक के मामलों और मौतों की निगरानी के लिए एसओपी और गर्मी के मौसम से पहले एवं उसके दौरान कमजोर वर्गों में गर्मी से संबंधित बीमारी (एचआरआई) पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया गया। इसके अलावा राज्यों को आवश्यक दवाओं, अंतःशिरा तरल पदार्थ, आइस-पैक, ओआरएस, पीने के पानी के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधा तैयारियों की समीक्षा करने की भी सलाह दी गई। बैठक में स्वास्थ्य सचिव सहित आईसीएमआर, आईएमडी, एनडीआरएफ, एम्स दिल्ली, सफदरजंग, आरएमएल और एलएचएमसी के अधिकारी मौजूद रहे।