
नई दिल्ली, 8 जुलाई : देश में बैंक, बीमा, डाक, कोयला खनन, हाईवे और निर्माण सहित कई अहम सेवाएं बुधवार 9 जुलाई को प्रभावित हो सकती हैं। वहीं, कई राज्यों में सरकारी परिवहन सेवाओं पर असर पड़ सकता है।
दरअसल, दस केंद्रीय ट्रेड यूनियन 29 श्रम कानूनों को चार लेबर कोड में बदलने का विरोध कर रहीं हैं। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) की अमरजीत कौर ने कहा, केंद्र सरकार की नीतियां मजदूर विरोधी हैं। सभी प्रमुख यूनियन 17 सूत्री मांगों के साथ हड़ताल में भाग ले रहीं हैं जिसमें 25 करोड़ लोग शामिल होंगे। यह हड़ताल मजदूर वर्ग, कृषक समुदाय और खेतिहर मजदूरों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह लंबी लड़ाई है जिसके लिए सभी मजदूर तैयार हैं।
इंटक के मुताबिक हड़ताल के नोटिस बैंकों, बीमा कंपनियों, इस्पात क्षेत्र, कोयला क्षेत्र, खनिज और पेट्रोलियम क्षेत्र, तांबा क्षेत्र और कुछ हवाई अड्डों पर दिए गए हैं। हड़ताल के समर्थन में रक्षा क्षेत्र भी हड़ताल पर जा रहा है। ट्रेड यूनियनों के मुताबिक सरकार कॉरपोरेट्स को फायदा पहुंचाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का निजीकरण कर रही है, मजदूरों के हक छीन रही है और चार नए लेबर कोड्स के जरिए मजदूरों के हड़ताल करने और सामूहिक सौदेबाजी जैसे अधिकारों को कमजोर कर रही है।
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