उत्तर प्रदेश, नोएडा: TMC का पूर्व नेता गैंग का मास्टरमाइंड, दो कॉलेज चला रहा
उत्तर प्रदेश, नोएडा: -शिक्षा भर्ती घोटाले में हो चुकी जांच

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा।नोएडा में पुलिस ने फर्जी पुलिस स्टेशन का भंडाफोड़ किया था। ये फर्जी पुलिस स्टेशन ‘इंटरनेशनल पुलिस एंड क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो’ के नाम से सेक्टर 70 में चलाया जा रहा था। पुलिस ने इसका भंडाफोड़ करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया।
इन गिरफ्तार किए गए लोगों में टीएमसी के पूर्व नेता बिभास अधिकारी भी शामिल है। उनके साथ-साथ उनके बेटे को भी गिरफ्तार किया गया है। बिभास अधिकारी ही इस गैंग के मास्टरमाइंड बताए जा रहे हैं।
बिभास अधिकारी पश्चिम बंगाल में बीरभूम के नलहाटी से तृणमूल के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष थे। बाद में उसने इस्तीफा दिया था। शिक्षा भर्ती घोटाले में वह ईडी और सीबीआई जांच का सामना भी कर चुके हैं। आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताते थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता पुलिस की जांच से पता चला कि अधिकारी ने कोलकाता के बेलेघाटा इलाके में सीआईटी रोड पर कथित तौर पर दो फ्लैट किराए पर ले रखे थे, जहां उसने “सामाजिक न्याय की जांच, ‘इंटरपोल’ और पुलिस लिखे बोर्ड लगा रखे थे। वह कथित तौर पर नीली बत्ती वाली कार में चार हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों के साथ आता था।
शिक्षक भर्ती घोटाले में बिचौलिया था बिभास
मुख्य आरोपी बिभाष चंद्र अधिकारी कोलकाता और बीरभूम में बीएड और डीएलएड कॉलेज का संचालन कर रहा है। ठाकुर अनुकूल चंद्र सत्संग मिशन साधनपीठ ट्रस्ट का अध्यक्ष भी है। साल 2016 में पश्चिम बंगाल में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के दौरान 2023 में उस पर बिचौलिया होने का आरोप लगा था। सीबीआई और ईडी की जांच में उसका भी नाम सामने आने के बाद इसके ठिकानों पर छापेमारी भी हुई थी।
बंगाल में विपक्ष बना सकता है मुद्दा
बिभाष चंद्र अधिकारी के खिलाफ नोएडा पुलिस द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति गरमा सकती है। जांच में पता चला है कि बिभाष पूर्व में पश्चिम बंगाल में बीरभूम के नलहाटी से तृणमूल का पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष था। पश्चिम बंगाल में मुख्य विपक्ष की भूमिका निभाने वाली बीजेपी के पदाधिकारी इस मुद्दे को उठा सकते हैं। सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को घेरते हुए मुद्दा बना सकते हैं।
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