उत्तर प्रदेश, नोएडा: दस्तावेज पर फर्म बना सरकार को पहुंचाई पौने दो करोड़ की क्षति
उत्तर प्रदेश, नोएडा: दस्तावेज पर फर्म बना सरकार को पहुंचाई पौने दो करोड़ की क्षति
अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। सेक्टर-62 के पते पर दस्तावेज में फर्म खोलकर सरकार को करीब पौने दो करोड़ राजस्व की क्षति पहुंचाने का मामला सामने आया है। आरोपी फर्म ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में फर्जी फर्मों से खरीद-फरोख्त दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा कर दिया। राज्य कर अधिकारी ने जांच के बाद सेक्टर-58 थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। राज्य कर अधिकारी मनोज कुमार शर्मा ने पुलिस को बताया कि राजकीय कार्य के दौरान वह ऑनलाइन जीएसटी पोर्टल पर उपलब्ध अभिलेखों की समीक्षा कर रहे थे। समीक्षा में पता चला कि मैसर्स केएस इंटरप्राइसेज द्वारा 29 जुलाई 2024 को जीएसटी नंबर प्राप्त किया गया था।
यह नंबर वस्तु एवं सेवा कर के क्षेत्राधिकार प्राधिकरण के सहायक आयुक्त द्वारा जारी किया गया था। ऑनलाइन आवेदन में फर्म स्वामी किरन सूर्यकांत कांबले द्वारा नाम, पता, मोबाइल और ई-मेल आईडी दर्ज कराई गई थी। बैंक विवरण में दिल्ली नजफगढ़ स्थित यश बैंक की शाखा का नंबर दर्ज कराया था। आरोप है कि वर्ष 2024-25 में केएस इंटरप्राइसेस फर्म द्वारा 9,67,33,259 रुपये की आउटवर्ड सप्लाई घोषित दिखाई गई, जबकि 1,74,11,987 रुपये का कर देना स्वीकार किया गया। साथ ही, सभी कर देय का समायोजन फर्जी आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) से किया गया। फर्म द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में बिना किसी वास्तविक खरीद के फर्जी आईटीसी का दावा किया गया। फर्जी खरीद प्राप्त करते हुए विभिन्न फर्म को आउटवर्ड सप्लाई की गई। आरोप है कि केएस इंटरप्राइसेस ने फर्जी फर्मों से सिर्फ दस्तावेजों के जरिये आपूर्ति घोषित दिखाते हुए आईटीसी का दावा किया गया। इस तरह से आरोपी फर्म ने सरकार को एक करोड़ 74 लाख 11 हजार 987 रुपये राजस्व की क्षति पहुंचाई। फर्म का व्यापार स्थल सेक्टर-62 में दिखाया गया। राज्य कर अधिकारी द्वारा तीन जनवरी 2025 को फर्म की गोपनीय जांच की गई। जांच में पता चला कि फर्म अस्तित्व में नहीं है। आसपास पूछताछ करने पर किसी ने कंपनी के स्वामी किरन सूर्यकांत कांबले के बारे में जानकारी नहीं दी। मोबाइल नंबर भी कार्यरत नहीं मिला। एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह का कहना है कि केस की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। राज्य जीएसटी विभाग गौतमबुद्ध नगर के अनुसार मुख्यालय के दिशा-निर्देशानुसार जीएसटी चोरी करने वाली फर्मों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। बीते महीनों में तीन फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।
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