उत्तर प्रदेश, नोएडा: आखिर 90 वर्षीय धनवंती के शव को नसीब हुई दो गज जमीन
उत्तर प्रदेश, नोएडा: आखिर 90 वर्षीय धनवंती के शव को नसीब हुई दो गज जमीन

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। दनकौर। रीलखा गांव में सपेरा समुदाय की श्मशान घाट की मांग आखिर पूरी हो गई है। मांग पूरी होने तक 90 वर्षीय महिला धनवंती का अंतिम संस्कार न करने पर अड़े समुदाय के लोगों के तेवर तल्ख देखकर अब तक श्मशाम घाट की जमीन के चिह्नांकन से जी चुरा रहे प्रशासन के अधिकारी जाग गए। सोमवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर न केवल जमीन चिह्नित की, बल्कि इसके आवंटन को भी मंजूरी दे दी। इसके बाद समुदाय के लोगों ने महिला का अंतिम संस्कार किया।
रीलखा गांव निवासी 90 वर्षीय महिला धनवंती का रविवार को निधन हो गया था। शव का अंतिम संस्कार करने के लिए कोई स्थान चिह्नित नहीं है। इसको लेकर समुदाय ने शव को घर में ही रखने का निर्णय लिया। कहा, जब तक प्रशासनिक स्तर पर दफनाने की जमीन आवंटित नहीं की जाती, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। इसकी जानकारी मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। सोमवार को दोपहर बाद यमुना विकास प्राधिकरण के एसडीएम शिव अवतार सिंह, तहसीलदार मनोज कुमार, एसएम बीपी सिंह, सदर तहसील के लेखपाल जितेंद्र भाटी समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। लगभग दो घंटे तक अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच वार्ता हुई। गांव की पूर्व दिशा में सेक्टर-18 के समीप 2200 वर्ग मीटर जमीन श्मशान घाट के लिए चिह्नित की गई।
24 घंटे बाद चिह्नित जगह पर हुआ अंतिम संस्कार
जमीन आवंटन की पुष्टि के बाद सपेरा समुदाय ने महिला के शव को करीब 24 घंटे बाद चिन्हित जगह पर अंतिम संस्कार किया। सपेरे समुदाय के लोगों को कहना है कि पिछले काफी वर्षों से अंतिम संस्कार के लिए जमीन की मांग करते आ रहे हैं। इस दौरान राजेंद्र प्रधान, रमेश कसाना, सोरन प्रधान, देवेंद्र प्रधान, मास्टर नेपाल सिंह, उमेद कसाना, इंद्रजीत कसाना, संजय कसाना, ओमकार नाथ, पीतम नाथ, राजू नाथ, मंत्रर नाथ, बद्रीनाथ, महावीर नाथ आदि मौजूद रहे।
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