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उत्तर प्रदेश, नोएडा: यमुना सिटी के 29 गांवों की बदलेगी सूरत

उत्तर प्रदेश, नोएडा: यमुना सिटी के 29 गांवों की बदलेगी सूरत

अमर सैनी 

उत्तर प्रदेश, नोएडा। यमुना विकास प्राधिकरण की ओर से यमुना सिटी के गांवों को बदहाली से बाहर निकलकर की योजना तैयार की गई हैं। यमुना प्राधिकरण ने अधिसूचित क्षेत्र के 29 गांवों के कायाकल्प के लिए योजनाएं तैयार की हैं। इन गांवों के विकास के लिए टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं। इन गांवों में कचरा निस्तारण से लेकर पक्की सड़कों, पंचायत घर, ई-लाइब्रेरी और श्मशान घाट तक के निर्माण कार्य कराए जाएंगे।
यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि जिन गांवों की जमीन विकास परियोजनाओं के लिए अधिग्रहीत की गई है। वहां आधारभूत सुविधाओं का विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी है। इन्हीं के तहत गांवों की स्थिति सुधारने के लिए मई से विकास कार्य शुरू किए जा रहे हैं। जनस्वास्थ्य विभाग की टीम को सर्वे कराकर जरूरतों के अनुसार कामों की सूची तैयार की गई है। प्राधिकरण द्वारा जाफराबाद गांव में इंटरलॉकिंग टाइल्स और नाले के निर्माण के लिए 8.6 लाख का टेंडर जारी किया गया है। वहीं फलैदा बांगर गांव में श्मशान घाट के लिए बाउंड्री वॉल और संपर्क मार्ग बनाने के लिए 9.31 लाख रुपये खर्च होंगे।

महोम्मदाबाद खेड़ा में श्मशान घाट तक सड़क और अन्य सुविधाओं पर 5.46 लाख की लागत आएगी। धुधेरा, सिरसा और मानिकपुर गांवों में पंचायत घर और ई-लाइब्रेरी की स्थापना के लिए 28 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। इसी प्रकार छांछल, अली अहमदनगर गढ़ी और मोहबालिपुर में भी पंचायत घर व ई-लाइब्रेरी के विकास कार्यों पर 25.19 लाख रुपये खर्च होंगे। नंगला कंचन गांव में नाला निर्माण और इंटरलॉकिंग टाइल्स के लिए 26.48 लाख, वीरमपुर और धंसिया में 22.12 लाख, तीर्थली जोन में 39.34 लाख और जेवर बांगर में 36.88 लाख रुपये के विकास कार्यों को हरी झंडी दी गई है। प्राधिकरण का लक्ष्य गांवों को स्मार्ट और आत्मनिर्भर बनाना है। अधिसूचित क्षेत्र के कुल 95 गांवों में से पहले चरण में 29 गांवों में काम शुरू हो रहा है। बाकी गांवों को भी चरणबद्ध तरीके से विकास योजनाओं में शामिल किया जाएगा।

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