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उत्तर प्रदेश, नोएडा: टि्वन टावर केस की दूसरी जांच में भी नोएडा अथॉरिटी के 11 अफसर दोषी

उत्तर प्रदेश, नोएडा: टि्वन टावर केस की दूसरी जांच में भी नोएडा अथॉरिटी के 11 अफसर दोषी

अमर सैनी 
उत्तर प्रदेश, नोएडा। नोएडा में भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़े किए गए सुपरटेक के ट्विन टावर मामले में नोएडा प्राधिकरण के 11 अफसरों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। एसआईटी के बाद शासन के निर्देश पर हुई दूसरी जांच में भी इन अधिकारियों को दोषी पाया गया है।

जांच अधिकारी ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। अब शासन स्तर से आरोपियों पर कार्रवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नोएडा के सेक्टर-93ए में बने सुपरटेक के ट्विन टावर एपेक्स और सियान 28 अगस्त 2022 को गिरा दिए गए थे। इसमें एक टावर 102 मीटर और दूसरा 95 मीटर ऊंचा था। इन टावर को गिराने के लिए एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी की एओए ने लंबा संघर्ष किया। सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन टावर को लेकर नोएडा प्राधिकरण की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाए थे और सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि प्राधिकरण के चेहरे ही नहीं, उसके मुंह, नाक, आंख सभी से भ्रष्टाचार टपकता है। प्राधिकरण के अधिकारियों की बिल्डर से साठगांठ है।

सुप्रीम कोर्ट की इस तल्ख टिप्पणी से प्राधिकरण की किरकिरी हुई थी। इसके बाद शासन ने इस मामले में सितंबर 2021 में उत्तर प्रदेश बुनियादी ढांचा एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मामले में शामिल 26 अधिकारियों/कर्मचारियों, सुपरटेक लिमिटेड के निदेशकों और उनके आर्किटेक्ट्स के खिलाफ कार्रवाई की गई। चार अक्टूबर 2021 को इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया। इस प्रकरण में जिन 26 अधिकारियों पर आरोप हैं, उनमें से 20 रिटायर हो चुके हैं, जबकि दो की मौत हो चुकी है। चार सेवा में थे, जिन्हें सस्पेंड किया जा चुका है।

शासन ने इन अधिकारियों में से 11 की जांच का जिम्मा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव को सौंपा था। उन्होंने एक सप्ताह पहले इस मामले में जांच पूरी कर शासन को रिपोर्ट दे दी है। उन्होंने जांच रिपोर्ट पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि इस मामले में आगे का निर्णय शासन को लेना है। वह अपनी रिपोर्ट शासन को भेज चुके हैं।

वरिष्ठ अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, शासन को भेजी गई रिपोर्ट इन 11 अधिकारियों के लिए परेशानी बढ़ाने वाली है। एसआईटी की जिस जांच में इन अधिकारियों को आरोपी मानते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया था, उसके प्रमुख मनोज कुमार सिंह वर्तमान में शासन में मुख्य सचिव हैं। यह अधिकारी उनकी रिपोर्ट में पहले ही आरोपी साबित हो चुके हैं। नई जांच रिपोर्ट में भी उन पर लगे आरोपों के खिलाफ अनेक साक्ष्य शासन को उपलब्ध कराए गए हैं। ऐसे में इन अधिकारियों पर कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है। माना जा रहा है कि शासन स्तर से शीघ्र ही उनके खिलाफ कार्रवाई का निर्णय हो सकता है।
लंबे समय तक जांच रुकी रही

शासन ने ट्विन टावर मामले में प्राधिकरण के 11 अधिकारियों की जांच का जिम्मा एसीईओ प्रवीण मिश्रा को सौंपा था। उनका 30 सितंबर 2022 को ट्रांसफर होने के बाद मामले की जांच रुक गई। इसके बाद 23 मार्च 2023 को ग्रेटर नोएडा के ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव को जांच सौंपी गई। उन्होंने जांच के लिए तकनीकी सहायक मांगा था, जिसके मिलने में देरी हुई। उक्त प्रकरण में आरोपी रहे आईएएस अधिकारियों की विभागीय जांच शासन स्तर से चल रही है, जिनमें नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ रहे मोहिंदर सिंह, एस.के द्विवेदी, एसीईओ आर.पी अरोड़ा और ओएसडी यशपाल सिंह आदि शामिल हैं।
इन पर कार्रवाई की तलवार लटकी

1. मुकेश गोयल, तत्कालीन प्रबंधक नियोजन

2. रितुराज व्यास, तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक नियोजन

3. विमला सिंह, तत्कालीन सहयुक्त नगर नियोजक

4. अनीता, तत्कालीन प्लानिंग असिस्टेंट

5. एके मिश्रा, तत्कालीन नगर नियोजक (30 जून 2021 को रिटायर्ड)

6. राजेश कुमार, तत्कालीन विधि सलाहकार (31 मार्च 2020 को रिटायर्ड)

7. ज्ञानचंद, तत्कालीन विधि अधिकारी (31 मार्च 2020 को रिटायर्ड)

8. एम.सी त्यागी, तत्कालीन परियोजना अभियंता (30 सितंबर 2018 को रिटायर्ड)

9. प्रवीन श्रीवास्तव, तत्कालीन सहायक वास्तुविद (रिटायर्ड 31 जुलाई 2020)

10. बाबूराम, तत्कालीन परियोजना अभियंता (रिटायर्ड 31 मार्च 2019)

11. टीएन पटेल, तत्कालीन प्लानिंग अस्सिटेंट (रिटायर्ड 31 मई 2019)

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