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उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा प्राधिकरण बनाएगा पहली ऑटोमैटिड पज़ल पार्किंग

उत्तर प्रदेश, नोएडा: -100 वाहनों की होगी पार्किंग, 23 करोड़ होंगे खर्च, प्रत्येक फ्लोर पर 25 वाहन खड़े होंगे

अजीत कुमार

उत्तर प्रदेश, नोएडा।नोएडा के बाजारों में सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है। प्राधिकरण इस समस्या का हल निकालने जा रहा है। इसके लिए यहां बाजार में ऑटोमेटिड पज़ल पार्किंग बनाई जाएगी। पहले फेज में नोएडा प्राधिकरण सेक्टर-62 में पज़ल पार्किंग बनाने जा रहा है। इसे 23 करोड़ में बनाया जाएगा। ये पार्किंग चार फ्लोर और 100 वाहनों की क्षमता की होगी। इसके अलावा दो अन्य स्थानों पर भी पज़ल पार्किंग बनाने पर विचार किया गया है। पार्किंग का निर्माण प्राधिकरण खुद करेगा। जबकि इसके संचालन के लिए कंपनी का चयन किया जाएगा।

ये पार्किंग हाइड्रोलिक पार्किंग से अलग होती है। ऑटोमेटिड पज़ल पार्किंग एक पज़ल गेम की तरह है। जिसमें जितने पार्किंग स्लॉट होते है उतने ही स्टैंड होते है। जो ऊपर, नीचे, दाय और बाय मूवेबल होते है। इसे ऐसे समझे एक कार पार्किंग के लिए आती है। उसे ग्राउंड के स्टैंड पर खड़ा किया। उसे चौथे फ्लोर पर कार खड़ी करनी है। ऐसे में पूरा स्टैंड सेंसर के जरिए कार समेत ऊपर उठेगा और चौथे फ्लोर पर जाकर सेट हो जाएगा। नीचे खाली स्पेस पर दूसरा स्टैंड ऑटोमैटिक शिफ्ट हो जाएगा।इस पूरे काम में करीब 3 से 6 मिनट का समय लगता है। यानी मल्टीलेवल और हाइड्रोलिक या अन्य स्थानों पर पार्किंग करने पर गाड़ी निकालने और खड़ा करने में आपको 15 से 20 मिनट का समय लगता है। लेकिन इसमें कार मजह 3 से 6 मिनट पर लग जाती है और बाहर भी आ जाती है। नोएडा में चार फ्लोर ऑटोमेटिड पज़ल पार्किंग बनाने पर विचार किया जा रहा है। इसके प्रत्येक फ्लोर पर 25 कार आसानी से पार्क हो सकेंगे।

पार्किंग निर्माण में नहीं लेता स्पेस
इस तरह की पार्किंग के निर्माण में ज्यादा स्पेस की जरूरत नहीं होती। बहुत कम स्पेस में चार फ्लोर तक की बन सकती है। ये पूरी पार्किंग सेंसर बेस्ड होती है। इसलिए चोरी से लेकर टूट फूट का खतरा नहीं होता। आपरेशन के लिए ज्यादा मैन पावर की आवश्यकता नहीं है। हालांकि संचालन के लिए उसी कंपनी को प्राथमिकता दी जाएगी जो पहले इसका संचालन कर चुकी है।

पीली लाइन पार करते ही रुक जाएगा सिस्टम
दरअसल ये पार्किंग ऑटोमेटिड है। इसमें गाडिया ग्राउंड से एक फ्लोर से दूसरे फ्लोर में शिफ्ट होती है। उसी तरह नीचे आती है। ये पूरा काम मशीनों के जरिए होता है। इसलिए इसमें सेंसर लगाए गए है। यदि कोई बच्चा या जानवर गलती से पार्किंग के अंदर आ जाए तो ऑटोमैटिक जहां कार है वहीं स्थिर हो जाएगी। वो नीचे नहीं आएगी ताकि इसके नीचे कोई दब न जाए। इसकी रेंज तय की जा सकती है। जिसे पीली लाइन से इंडीकेट किया जा सकता है।

प्राधिकरण जारी करेगा आरएफपी
प्राधिकरण ने बताया कि इस तरह की पार्किंग नोएडा के लिए जरुरी हो चुकी है। यहां भीड़ भाड़ इलाकों में इस तरह की पार्किंग बनाने पर विचार किया जा रहा है। अभी सेक्टर-62 में फोर्टिस अस्पताल के पास इसका निर्माण होगा। संचालन के लिए कंपनी का चयन किया जाएगा।

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