उत्तर प्रदेश, नोएडा: नशे के खिलाफ एबीवीपी का महाआंदोलन, सौंपा ज्ञापन
उत्तर प्रदेश, नोएडा: नशे के खिलाफ एबीवीपी का महाआंदोलन, सौंपा ज्ञापन

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने ग्रेटर नोएडा में नशे के बढ़ते कारोबार और युवाओं की बर्बादी को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। आज सैकड़ों छात्रों ने प्रांत मंत्री गौरव गौड़ के नेतृत्व में एसीपी तृतीय, ग्रेटर नोएडा को ज्ञापन सौंपा और नशा माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन में एबीवीपी ने पुलिस प्रशासन को आगाह किया कि यदि समय रहते नशे के अवैध व्यापार पर रोक नहीं लगी, तो विद्यार्थी परिषद बड़े स्तर पर आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी।
ग्रेटर नोएडा में बीते कुछ वर्षों में ड्रग्स माफिया बेहद सक्रिय हो चुके हैं। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के आसपास गांजा, चरस, अफीम और अन्य नशीले पदार्थों की खुलेआम बिक्री हो रही है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और डार्क वेब के जरिए भी नशे का कारोबार चलाया जा रहा है, जिससे युवा वर्ग तेजी से इसकी चपेट में आ रहा है। एबीवीपी का कहना है कि नशे के कारण छात्रों में अवसाद, आत्महत्या, सड़क दुर्घटनाएं और अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है। पुलिस प्रशासन अगर समय पर कार्रवाई नहीं करता, तो आने वाले समय में हालात और बिगड़ सकते हैं।एबीवीपी ने पुलिस प्रशासन के सामने नशे के अड्डों को तुरंत हटाने और सख्त कार्रवाई करने की मांग रखी। ज्ञापन में मुख्य रूप से छह प्रमुख स्थानों पर कड़ी निगरानी की मांग की गई।एमिटी और जेम्स कॉलेज के पास नशे के अड्डों पर तत्काल रोक लगे। शारदा यूनिवर्सिटी के आसपास ड्रग्स की बिक्री पर पुलिस त्वरित कार्रवाई करे। जिएनआईओटी (GNIOT) के पास नशे के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस सक्रिय कदम उठाए। अल्फा 2 कमर्शियल बेल्ट में अवैध खोंखों की जांच कर इन्हें बंद किया जाए। सड़क किनारे लगने वाली रेडी-पटरी, जहां खुलेआम नशे का व्यापार हो रहा है, उन्हें हटाया जाए।
छात्रों के बीच नशे की प्रवृत्ति को रोकने के लिए पुलिस नियमित रूप से कॉलेजों के आसपास गश्त करें।