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उत्तर प्रदेश, नोएडा: लोन दिलाने के नाम ठगने वाले गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश, नोएडा: -फर्जी फाइनेंस कंपनी चलाकर लोगों को कर्ज देने के नाम पर ऐंठते थे पैसा

अमर सैनी

उत्तर प्रदेश, नोएडा। पुलिस ने लोन दिलाने के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। सेक्टर-63 थाना पुलिस और साइबर टीम की संयुक्त कार्रवाई में तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की पहचान अरिहंत जैन, धर्मेंद्र और आकाश के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, आरोपी ‘मनी ऑन नवाकर फाइनेंशियल सर्विसेज’, ‘मनी वन मैनेजमेंट सर्विसेज’ और ‘नवाकर फाइनोविजन इंडिया प्रा. लि.’ के नाम से फर्जी कंपनियां चला रहे थे। ये लोग सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर बड़े लोन का प्रलोभन देते और फिर सर्विस चार्ज के नाम पर ठगी करते थे।

8 फरवरी 2025 को सेक्टर-63 स्थित एच-169, एच ब्लॉक से इन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से 4 लैपटॉप, 14 मोबाइल फोन, एक प्रिंटर, 18 चेकबुक, 5 चेक, 50 विजिटिंग कार्ड और 9 मोहरें बरामद की गईं। यह कार्रवाई थाना सेक्टर-63 की साइबर हेल्प डेस्क पर मिली शिकायतों के आधार पर की गई। पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपी लंबे समय से इस तरह की धोखाधड़ी कर रहे थे और कई लोगों को अपना शिकार बना चुके थे।लोन लेने के इच्छुक लोग जब उनसे संपर्क करते थे, तो वे उन्हें लोन दिलाने का प्रलोभन देकर उनसे उनके दस्तावेज और लोन की नियत धनराशि का 3+ 18 प्रतिशत जीएसटी सर्विस चार्ज के नाम पर लेते थे। बाद में उनका सिबिल खराब बताकर उनका लोन नहीं कराते थे। जब पीड़ित उनसे संपर्क करते थे, तो वे उनका फोन उठाना बंद कर देते थे। वे अधिकतर दूर-दराज के लोगों को अपना शिकार बनाते थे ताकि कोई उनके ऑफिस आकर उनकी शिकायत न कर सके।

100 लोगों को बनाया शिकार
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि उन्होंने शिकायतकर्ता को फोन करके लोन के लिए कहा था और उससे दस्तावेज मंगवाए थे। बाद में लोन दिलाने के एवज में उन्होंने उससे कुल 1,38,155 रुपये लिए थे और लोन का विश्वास दिलाने के लिए उन्होंने उसे 9,98,000 रुपये का चेक व्हाट्सएप किया था। बाद में उन्होंने उसका लोन नहीं कराया।उन्होंने अन्य लोगों से भी लोन दिलाने के एवज में पैसे हड़पे हैं। उन्होंने इसी काम के लिए अन्य कंपनियां जैसे ‘मनी ऑन नवाकर फाइनेंशियल सर्विसेज’, ‘मनी वन मैनेजमेंट सर्विसेज’ और ‘नवाकर फाइनोविजन इंडिया प्रा. लि.’ बना रखी थीं। वे इन कंपनियों के माध्यम से लोगों से लोन दिलाने के नाम पर पैसा लेते थे और जब ग्राहकों को लोन नहीं मिलता था, तो उनके फोन आने पर वे उनका फोन उठाना बंद कर देते थे। अभियुक्तों के खातों को साइबर पोर्टल पर चेक किया गया तो एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के खाते पर तीन साइबर कंप्लेन गुजरात व मध्य प्रदेश से हैं, कोटक महिंद्रा बैंक के खाते पर तीन साइबर कंप्लेन रजिस्टर्ड हैं, फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक के खाते पर 2 साइबर कंप्लेन रजिस्टर्ड हैं। आरोपियों द्वारा ग्राहकों से कंपनी बनाकर अवैध रूप से लोन देने के नाम पर पैसा लिया जा रहा था।

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